डीएसपी और सब इंस्पेक्टर को कई बार किया तलब, नहीं आये पेशी पर, कोर्ट ने जारी किये गिरफ्तारी वारंट

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भीलवाड़ा । तत्कालीन शाहपुरा डीएसपी और अभी जैसलमेर डीएसपी प्रियंका कुमावत और सदर थाने के एसआई अभी टोंक जिले के पचेवर थाने में तैनात राजमल कुमावत के बार-बार तलब करने के बावजूद गवाही के लिए पोक्सो एक कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है। विशिष्ट न्यायाधीश देवेंद्रसिंह नागर ने गिरफ्तारी वारंट अद्र्धशासकीय पत्र के साथ पुलिस अधीक्षक को भेजने के साथ ही डीएसपी कुमावत को दस मई,जबकि सब इंस्पेक्टर कुमावत को 12 मई को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये हैं।

केस एक
जिले के फूलियाकलां थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दी थी कि उसकी नाबालिग पुत्री 20 अगस्त 22 को कहीं चली गई या फिर उसे कोई ले गया। उसका अब तक पता नहीं चल पाया। परिवादी की नाबालिग पुत्री घर से 40 हजार रुपये व गहने भी ले गई। पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया। जांच तत्कालीन शाहपुरा डीएसपी प्रियंका कुमावत ने की थी। इस मामले में डीएसपी ने मानसिंह दरोगा व हरिसिंह को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। पोक्सो एक कोर्ट में विचाराधीन इस मामले में गवाही के लिए डीएसपी प्रियंका को 28 फरवरी 23 से प्रत्येक पेशी पर तलब किया जा रहा है, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुई। ऐसे में कोर्ट ने डीएसपी को गिरफ्तारी वारंट से तलब कर 10 मई को उपस्थिति के आदेश दिये हैं।

केस दो
सदर थाने में 23 अक्टूबर 20 को एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दी कि उसके साले की नाबालिग बेटी बचपन से उसके पास रह रही थी। 22 -23 अक्टूबर की मध्य रात्रि को परिवार के सदस्य सोये हुये थे। परिवादी रात 3 बजे उठा तो उसे साले की बेटी घर में नहीं मिली। घर में रखे 12 हजार रुपये भी गायब थे। परिवादी ने प्रभुलाल माली पर नाबालिग को भगा ले जाने की शंका जाहिर की। सदर थाना पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच करते हुये प्रभुलाल माली व पप्पू लाल माली को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया था। इस मामले में सदर थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर राजमल कुमावत की गवाही होनी थी। उन्हें 18 जनवरी 23 से लगातार हर पेशी पर तलब किया जा रहा है, लेकिन वे 5-6 पेशी से उपस्थित नहीं हो रहे हैं। कोर्ट का कहना है कि गवाह का हर पेशी पर वितंतु संदेश प्राप्त हो रहा है या कभी गवाह के जमानती वारंट तामिल नहीं करवाये जा रहे हैं। यह पुलिस प्रशासन की लचर व्यवस्था व असंवेदनशीलता को दर्शित करता है। ऐसे में गवाह के उपस्थित नहीं होने को कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुये गवाह राजमल कुमावत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिये हैं। साथ ही गवाह के खिलाफ 446 सीआरपीसी की पत्रावली अलग से खोले जाने का आदेश भी दिया। कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट एसपी को अद्र्धशासकीय पत्र के साथ भेजने और उक्त गवाह को 12 मई 23 को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये हैं।

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