भीलवाड़ा। शहर से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। यहां एक निजी अस्पताल के संचालक डॉक्टर के 13 साल के इकलौते बेटे ने बाथरूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के वक्त पिता अस्पताल में, जबकि मां पीहर में थी। घर पर बेटा अकेला था। पिता जब अस्पताल से घर लौटे तो बेटा नजर नहीं आया। कमरों के बाद बाथरूम में तलाश की तो दरवाजा बंद था, जैसे-तैसे दरवाजा खोलकर डॉक्टर ने बेटे को फंदे से उतारा तब तक उसकी सांसें चल रही थी। ऐसे में डॉक्टर पिता बेटे को अपने अस्पताल ले गये और उपचार किया लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका। बालक ने किन कारणों के चलते इतना बड़ा कदम उठाया, यह खुलासा अभी नहीं हो सका। सुभाषनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सुभाषनगर पुलिस ने बताया कि आरसी व्यास कॉलोनी स्थित स्वास्तिक हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर सत्यप्रकाश शर्मा गुरुवार शाम को अस्पताल में थे, जबकि पत्नी पीहर गई हुई थी। घर पर उनका इकलौता बेटा अरनव शर्मा 13 अकेला था। अरनव 9 वीं कक्षा का छात्र था।
डॉक्टर शर्मा अस्पताल से मोदी ग्राउंड के नजदीक स्थित घर लौटे तो उन्हें बेटा अरनव नजर नहीं आया। उन्होंने घर के कमरों में तलाश करते हुये उसे आवाज भी दी, लेकिन बेटे का कोई जवाब नहीं मिला। इसके चलते वे उपर स्थित बाथरूम में गये तो दरवाजा बंद मिला। डॉक्टर शर्मा ने चॉबी से दरवाजा खोला तो अंदर पर्दे की रॉड पर बेटा अरनव चुन्नी के फंदे से लटका मिला। पुलिस का कहना है कि इस दौरान अरनव की सांसें चल रही थी। उन्होंने तुरंत ही अरनव को फंदे से उतारा और अपने निजी अस्पताल ले गये। जहां उसे भर्ती कर उपचार किया, लेकिन अरनव को बचाया नहीं जा सका। अरनव की मौत की खबर पुलिस को मिली। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनो को सुपुर्द कर दिया गया ।