डीओआईटी के निलंबित संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश को जमानत नहीं

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जयपुर, 1 जून। एसीबी मामलों की विशेष अदालत महानगर प्रथम ने योजना भवन के बेसमेंट में रखी अलमारी से करीब 2.31 करोड़ रुपए नकद व करीब 1 किलो सोने के बिस्किट बरामद करने से जुडे मामले में डीओआईटी के निलंबित संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप हैं और मामले में अनुसंधान लंबित है। ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दे सकते।

आरोपी की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया कि अलमारी में रखी नगदी व सोने से उसका कोई संबंध नहीं है। अलमारी खोलने के लिए उससे चाबी नहीं ली है बल्कि ताला तोडा है। कोई भी अफसर इतनी राशि ऑफिस में क्यों रखेगा। उसे मामले में झूठा फंसाया है। इसलिए उसे जमानत दी जाए।

वहीं एसीबी ने जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी की अलमारी से बडी राशि बरामद हुई है और प्रकरण में अनुसंधान लंबित है। एसीबी पता लगा रही है कि आरोपी ने इतनी बड़ी रकम रिश्वत के तौर पर किस-किससे ली थी और इसमें उसके साथ कौन अफसर व कर्मचारी शामिल रहे हैं। वहीं एसीबी टेंडर देने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी पूछताछ कर रही है। ऐसे में आरोपी को जमानत नहीं दी जाए।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। गौरतलब है कि योजना भवन के बेसमेंट में आरोपी वेदप्रकाश यादव की अलमारी से 19 मई को 2.31 करोड रुपए नगद व एक किलो सोना मिला था। वहीं जांच में दोषी पाए जाने पर 21 मई को अशोक नगर एसएचओ ने यादव के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।

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