पांच माह के चातुर्मास के बाद शुभ व मांगलिक कार्य शुरू, देवउठनी एकादशी मनाई
जोधपुर। भगवान विष्णु के पांच माह की निद्रा के बाद गुरुवार को श्रद्धापूर्वक धूमधाम से देवउठनी एकादशी मनाई गई। इसके साथ ही आज से वैवाहिक सहित सभी शुभ मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो गए। पांच माह के चातुर्मास के बाद आज एकादशी से शहर में तुलसी-शालिग्राम विवाह के साथ ही वैवाहिक आयोजनों की धूम मच गई। अबूझ मुहूर्त के साथ ही आज देव उठनी एकादशी पर शहर में सैकड़ों वैवाहिक आयोजन हुए। देव उठनी एकादशी के शुभ योग में मंदिरों में तुलसी विवाह के आयोजन किए गए। आज सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का भी शुभ संयोग रहा।
इस बार चातुर्मास के चार महीनों एवं इस दौरान आए एक अधिकमास के कारण लगातार बीते पांच महीने से सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों के साथ ही विवाह आदि शुभ कार्यों का कोई भी योग नहीं था और इस वजह से ये सभी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं हो पा रहे थे लेकिन अब पूरे पांच महीनों के चातुर्मास की अवधि पूरी हो गई है। भगवान विष्णु के पांच माह की निद्रा के बाद जागने पर आज से फिर सभी मांगलिक कार्य शुरू हो गए। अब विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश सहित सभी मांगलिक कार्य बेरोक-टोक हो सकेंगे क्योंकि इसके लिए शुभ मुहूर्त शुरू हो गए है। इससे पहले 29 जून से भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने के साथ ही विवाह मुहूर्त पर विराम लग गया था। चातुर्मास के पांच माह बाद आज शहर में फिर शहनाइयों की गूंज सुनाई दी। अब पंद्रह दिसंबर तक शादियों का मुहूर्त है। इसके बाद 16 दिसंबर से मळमास की शुरुआत हो जाएगी। अब घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा और तुलसी-शालिग्राम के विवाह की धूम रहेगी। ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि देवउठनी एकादशी को भगवान श्रीहरि गहरी निद्रा से उठते हैं। भगवान के सोकर उठने की खुशी में देवोत्थान एकादशी मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि बुधवार रात को शुरू हो गई। उदया तिथि के अनुसार देवउठनी एकादशी व्रत आज रखा गया।
कई समाजों के हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन
देवउठनी एकादशी पर आज शहर में कई समाजों के सामूहिक विवाह सम्मेलन हुए। आज शहर में पीपा व रांकावत समाज की ओर से सामूहिक विवाहों का आयोजन किया गया। विवाह आयोजन में नवविवाहित जोड़ों को 25 नवम्बर को मतदान की शपथ भी दिलाई गई। समस्त पीपा क्षत्रिय न्याति ट्रस्ट सुभाष चौक रातानाडा जोधपुर के तत्वावधान में आज 20वां सामूहिक विवाह पीपा क्षत्रिय छात्रावास भूमि राधा कृष्णापुरम योजना लहरिया रिसोर्ट चोखा स्थित भूमि पर आयोजित किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रकाश चावड़ा व सचिव नरेश सोलंकी ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से इस बार 19 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवया गया। साथ ही तुलसी- शालिग्राम विवाह करवाएं गए। नव विवाहित जोड़ों को तुलसी के पौधे भेंट कर मतदान के साथ बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं की शपथ दिलवाई गई। वहीं रांकावत (देशस्थ ऋग्वेदी) ब्राह्मण सार्वजनिक ट्रस्ट जोधपुर के तत्वावधान में रांकावत ब्राह्मण समाज का दशम सामूहिक विवाह सम्मेलन स्काउट गाइड मैदान में आयोजित किया गया। सामूहिक विवाह समारोह के मुख्य अतिथि संत रामप्रसाद महाराज व रामकुटिया बारड़ा बांध (बालयोगी संत) श्रवणदास महाराज थे। ट्रस्ट अध्यक्ष श्याम गोयल ने बताया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 27 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेे।
देव दिवाली व कार्तिक पूर्णिमा 27 को
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 26 नवंबर को दोपहर 3.53 से शुरू होकर 27 नवंबर को दोपहर 2.45 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार इस बार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को ही मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा को शिव योग सुबह से लेकर रात 11.39 बजे तक है। उसके बाद से सिद्ध योग अगले दिन तक रहेगा। पूर्णिमा वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 1.35 बजे से शुरू होगा और 28 नवंबर को प्रात. 6.54 बजे तक रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा को दोपहर 1.35 बजे तक कृत्तिका नक्षत्र है। उसके बाद से रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा। 27 को धार्मिक आयोजन होंगे।