सैन्य गतिविधियों और संसाधनों का निरीक्षण किया, युद्ध तकनीक और अभ्यास को एक-दूसरे के साथ साझा किया
जोधपुर। अलग-अलग 27 देशों की डिफेन्स अटैची भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर में पहुंचे। इनमें विभिन्न देशों के सेना के अधिकारी थे जो दो दिवसीय दौरे को लेकर जैसलमेर आए हैं। यहां भारतीय सेना के अधिकारियों ने सभी मित्र देशों के सैन्य अधिकारियों का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने विभिन्न भारतीय सैन्य गतिविधियों और संसाधनों का बारीकी से निरीक्षण किया।
सभी मित्र देशों के सेना के अधिकारियों ने पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना के साथ अपने युद्ध कौशल को साझा किया। इस दौरान सभी देशों के अधिकारियों को भारतीय सेना के जवानों ने अपनी मारक क्षमता से रूबरू करवाया। वहीं भारतीय सेना व मित्र देशों ने युद्ध तकनीक और युद्ध अभ्यास को एक-दूसरे के साथ साझा किया। साथ ही उन्होंने भारतीय सेना के फायर पावर को बारीकी से देखा। फायर पावर युद्ध की स्थिति में दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। सभी देशों के सैन्य अधिकारियों ने ड्रोन द्वारा निगरानी रखने की तकनीकी को भी देखा। साथ ही उन्होंने स्वदेशी युद्धक हेलीकॉप्टर रुद्र व तोपखाने की सबसे घातक मारक क्षमता वाली तोप से हमला कर दुश्मन को खत्म करने के प्रदर्शन को देखा। इस तोप में लम्बी व मध्यम दूरी के लक्ष्य को नष्ट करने की मारक क्षमता है। इसके बाद सभी मित्र देशों के सैन्य अधिकारियों ने स्वर्णनगरी जैसलमेर के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण किया। इस दौरान सभी अधिकारी जैसलमेर की कला व संस्कृति के साथ यहां की विभिन्न धरोहरों से रूबरू हुए। सभी ने सबसे पहले जैसलमेर के विश्व विख्यात सोनार दुर्ग का भ्रमण किया। इस दौरान सभी ने यहां विभिन्न लोकेशन पर फोटो भी खिंचवाए। साथ ही गड़ीसर लेक पटवा हवेली की सुंदरता देखकर सभी अधिकारी अभिभूत हुए। इसके बाद सभी सैन्य अधिकारियों ने जैसलमेर के पास आर्मी स्टेशन में स्थित जैसलमेर वॉर म्यूजियम को देखा। वहां स्थित स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर भारतीय सेना के शहीदों को उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की।