उदयपुर, 21 अप्रैल(ब्यूरो)। एनआरआई से घूस लेने के मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे राजस्थान पुलिस सेवा के जितेंद्र आंचलिया की जमानत अर्जी शुक्रवार को दूसरी बार अदालत ने खारिज कर दी।
दो महीने से न्यायिक हिरासत में चल रहे डिप्टी जितेंद्र आंचलिया की ओर से उनके वकील ने जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई थी। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की टीम ने फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में डिप्टी जितेंद्र आंचलिया के अलावा सुखेर के तत्कालीन थानाधिकारी रोशनलाल के साथ दलाल रमेश राठौड़ और मनोज श्रीमाली को गिरफ्तार किया था। उप अधीक्षक जितेंद्र आंचलिया पर आरोप है कि उन्होंने सुखेर थाने के तत्कालीन एसआई रोशनलाल खटीक तथा दलाल रमेश राठौड़, मनोज श्रीमाली के जरिए रिश्वत ली।
एनआरआई से 1.83 करोड़ हड़पे
एसीबी की जांच में खुलासा हुआ था कि निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया भारतीय अप्रवासी—एनआरआई की भूमि का जबरन सौदा कर 1.83 करोड़ रुपए हड़प लिए। बताया गया कि एनआरआई पिछले 30 साल से कुवैत में रहकर कारोबार कर रहा था। उसकी एक कंपनी उदयपुर में है, जिसे उसका छोटा भाई संभालता था, लेकिन बीमारी से भाई की मौत के बाद कंपनी को छोटे भाई की पत्नी ने संभाल लिया था। भुवाणा में उसकी कंपनी की जमीन का सौदा पांच करोड़ में बेचने की बात कहकर उन्हें यहां बुला लिया था। यहां आकर पता चला कि उसे उदयपुर में षड़यंत्रपूर्वक बुलाया और कुछ पुलिसकर्मी तथा दलाल परेशान करने लगे। सुखेर थाने में बुलाकर उसे एक एग्रीमेंट दिखाकर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी। पासपोर्ट जब्त करने तथा परिवार से नहीं मिलने देने की धमकी देकर उसे दबाव में लिया और उसकी जमीन का सौदा दो करोड़ रुपए में कराने के साथ 1.83 करोड़ रुपए हड़प लिए।