जयपुर, 11 अप्रैल। जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय ने कोरोना काल में बेटी की शादी मैरिज गार्डन में नहीं होने पर गार्डन संचालक को आदेश दिए हैं कि वह वसूली गई पचास हजार रुपए की बुकिंग राशि नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करे। इसके साथ ही आयोग ने इसे मैरिज गार्डन संचालक का सेवादोष मानते हुए उस पर आठ हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है। आयोग अध्यक्ष जीएल मीणा और सदस्य श्रीचंद तेतरवाल ने यह आदेश ओमप्रकाश शर्मा के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि उसने अपने बेटी की 24 मई, 2021 को होने वाली शादी के लिए रामेश्वरम मैरिज गार्डन बुक था और संचालक को एक लाख एक हजार रुपए अदा किए थे। संचालक ने उसे आश्वासन दिया था कि कोविड महामारी के चलते यदि कार्यक्रम निरस्त होता है तो उसे एडवांस राशि लौटा दी जाएगी। परिवाद में कहा गया कि इस दौरान राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर कहा कि मैरिज गार्डन में शादी-समारोह बंद रहेंगे। इसके चलते परिवादी की बेटी की शादी वहां नहीं हो सकी और उसे अपने घर पर शादी का समारोह करना पडा।
वहीं परिवादी ने जब मैरिज गार्डन संचालक से बुकिंग राशि वापस मांगी तो उसने 18 जून, 2022 को 51 हजार रुपए लौटा दिए और शेष राशि लौटाने से इनकार कर दिया। इसे आयोग में चुनौती देते हुए कहा गया कि मैरिज गार्डन संचालक का यह कृत्य सेवादोष की परिधि मे आता है। ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने गार्डन संचालक को ब्याज सहित बुकिंग राशि लौटाने सहित बतौर हर्जाना आठ हजार रुपए भी देने को कहा है
2023-04-11