विभाग से पहले दलालों के पास पहुंच जाते दस्तावेज

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यूडीएच अधिकारियों के नाम पर घूस लेने वाले दलाल का खुलासा, यूडीएच ने उदयपुर नगर विकास प्रन्यास को एनओसी भेजे जाने से पहले दलाल को भेजी
उदयपुर, 18 मई(ब्यूरो)। शहरी विकास आवास विभाग(यूडीएच) के दस्तावेज विभाग के अधीनस्थ कार्यालय भेजे जाने से पहले दलालों को भेज दिए जाते रहे। इसका खुलासा यूडीएच अधिकारियों के नाम 12 लाख रुपए की घूस लेते पकड़े गए दलाल लोकेश जैन से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी)की जांच से हुआ है। एसीबी ने दलाल लोकेश के घर से यूडीएच की ओर से जारी एनओसी की प्रति बरामद की, जबकि इस एनओसी के लिए परिवादी 12 दिन से नगर विकास प्रन्यास उदयपुर के चक्कर लगा रहा था।

एसीबी सूत्रों ने बताया कि दलाल लोकेश जैन ने गिरफ्तारी से 3 दिन पहले 5 मई को ही अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की कॉपी 5 मई को ही परिवादी देवीलाल चौधरी को व्हाट्सएप पर भेज दी थी। लेकिन यह एनओसी 12 दिन बाद भी यूडीएच ने यूआईटी को नहीं भेजी है। जिसके लिए परिवादी लगातार यूआईटी के चक्कर लगा रहा था।
जांच में यह भी पता चला कि संयुक्त सचिव मनीष गोयल के डिजिटल हस्ताक्षर से 5 मई को ही एनओसी अप्रूव हो गई थी। किन्तु एनओसी उदयपुर यूआईटी को नहीं भेजी गई।

इस मामले में परिवादी देवीलाल चौधरी का आरोप है कि एनओसी को यूआईटी में भेजने के लिए उन्होंने संयुक्त सचिव गोयल को कई कॉल किए, लेकिन उन्होंने कॉल रिसिव नहीं किया। उनके पीए को कॉल किए तो उन्होंने लिपिक हरिमोहन से बात करने को कहा जबकि हरिमोहन अपना मोबाइल स्विच ऑफ रखता था।
बता दें कि आर्ची अपार्टमेंट, शोभागपुरा निवासी दलाल लोकेश जैन ने चौधरी की ढीकली स्थित जमीन को रिसोर्ट के लिए कन्वर्ट कराने के लिए एनओसी दिलाने और इस जमीन के बीच आ रही सरकारी जमीन के आवंटन के लिए 12 लाख रुपए मांगे थे। यह राशि यूडीएच के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, संयुक्त सचिव मनीष गोयल के नाम पर ली थी। जयपुर एसीबी ने 8 मई को लोकेश को गिरफ्तार किया था।

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