-राठौड़ की उम्र हो गई, कभी भी कुछ भी बयान दे देते हैं, हर समाज के खिलाफ टिप्पणी की
जयपुर, 18 सितंबर (विसं) : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ द्वारा खुद को रावण बताए जाने के बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को पलटवार किया। डोटासरा ने कहा कि रावण भी विद्वान था। राठौड़ कभी ब्राह्मïणों के खिलाफ, कभी जाटों के खिलाफ तो कभी किसी और ओबीसी की जाति के विरोध में टिप्पणी करते हैं। ये कभी ओबीसी के अध्यक्ष को हटा देते हैं, ये बौखलाए हुए हैं कुछ भी कह सकते हैं। प्रतिपक्ष का नेता केवल लक्ष्मणगढ़ में मीटिंग करे और उसमें भी तीन हजार लोग हों और उस सभा में भी केवल गोविंद डोटासरा पर बोले, व्यक्तिगत कमेंट करें तो समझ सकते हैं इनकी हालत कितनी पतली है। यह चूरू से भागना चाहते हैं, यदि यहां से लड़े तो 100 परसेंट हारेंगे। इसी बोखलाहट में इस प्रकार के बयान दे रहे हैं।
डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि राठौड़ टिप्पणी करने के बजाय परिवर्तन यात्रा में कम से कम अपनी सरकार का विजन पेश करते, हमारी योजनाओं की कमी खामी बताते, मोदी की योजना की कोई खासियत बताते, लेकिन ये केवल मेरे खिलाफ अनर्गल आरोप लगाते रहे। डोटासरा ने कहा कि उनके जिलाध्यक्ष का वीडियो देखा होगा, वह कह रहे हैं कि यह जाएगा पकड़ो। मोदी के चेहरे पर अब चुनाव में पार नहीं पड़ेगी। हमने पंजाब में देखा, हिमाचल में देखा और चार-पांच स्टेट में हम देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि इनकी उम्र हो गई है और इनको चिंता सता रही कि कैसे जीतूंगा। इसी के चलते उनके मुंह से निकल गया कि यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी वर्सेज जनता होने वाला है।
रिश्तेदारों ने चूरू की चक्की का आटा खाया
डोटासरा ने कहा कि यह मुझे बार-बार पूछते हैं कि उनके रिश्तेदार ने कौन सी चक्की का आटा खाया है कि 4-4 आरएएस बन गए। उन्होंने चूरू जिले की चक्की का आटा खाया है जिसके पिता अधिकारी हों, मां टीचर हों, दो बहनें आरएएस, बेटा आरएएस हो, जब राजेंद्र राठौड़ की सरकार थी तब वो आरएएस बने। मेरा बेटा भी तभी आरएएस बना था जब बीजेपी सरकार थी। उनको चूरू की चक्की का इसलिए नहीं पता क्योंकि वह चूरू के है ही नहीं, वो हनुमानगढ़ के हैं।