तीन सौ लॉकर पहेली बने, तोडऩे के लिए विशेषज्ञ बुलाए, आयकर विभाग की टीम जुटी जांच में

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-इनमें से कई बेनामी तो कइयों की दोनों की चाबियां मालिक के पास

जयपुर, 14 अक्टूबर (ब्यूरो) : जयपुर गणपति प्लाजा के रॉयेरा लॉकर्स में ब्लैकमनी का राज गहराता जा रहा है। अब स्थिति यह है कि आयकर विभाग और ईडी जिस काम के लिए आई थी, उसमें तो कुछ खास हाथ नहीं लगा है, लेकिन पिछले काफी सालों से बंद पड़े लॉकरों ने आयकर विभाग के अधिकारियों के कान खड़े कर दिए है। ये वे लॉकर बताए जा रहे हैं, जिनकी दोनों चाबियां मालिक के पास ही है, जबकि नियमानुसार एक चाबी कंपनी के पास ही रहनी चाहिए थी। इस जानकारी के बाद इनकम टैक्स के अधिकारियों ने सक्षम परमिशन लेकर और कानूनी राय मशविरे के बाद लॉकर को तोडऩे की कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
इससे पहले विभाग ने लॉकर मालिकों को उनके व्हाट्सअप नम्बर और मेल आईडी पर लॉकर की चाबी लेकर आने का अल्टिमेटम दिया था, लेकिन कई लॉकर मालिक गणपति प्लाजा नहीं पहुंचे। कुछ लॉकर बेनामी भी बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार कुल 1100 लॉकर है, उनमें से 300 लॉकर आयकर विभाग के लिए पहली बने हुए है।
इस बीच ईडी की टीम शनिवार को सुबह वहां से निकल गई। गौरतलब है कि कि राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के लॉकर्स में 500 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी और 50 लाख का सोना होने के दावे पर शुक्रवार शाम ईडी और आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी कर जांच शुरू कर दी थी।
सूत्रों के अनुसार लॉकरों से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाकर लॉकर धारकों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिन्हें लॉकर तोडऩे के बाद भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। हालाकि रॉयेरा में ईडी और आयकर विभाग की कार्रवाई की सूचना पर शनिवार को लॉकर धारक अपना लॉकर चैक करने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें जांच की कहकर एंट्री नहीं दी गई। जयपुर के बाहर से लॉकर देखने आए लोगों को भी वापस लौटना पड़ा।
रात तीन बजे तक जांच, फिर गोदरेज कंपनी के प्रतिनिधि को बुलाया :
जानकारी के अनुसार ईडी और आयकर विभाग की टीम ने बीती रात करीब 2 बजे तक कार्रवाई जारी रखी। इस दौरान डीओआईपी के जनरल मैनेजर सीपी सिंह सहित चार लॉकर खोले की बात सामने आ रही है, लेकिन अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। कार्रवाई के दौरान लॉकर एजेंसी के कर्मचारी भी मौके पर ही रहे। सवेरे 10 बजे जांच एजेंसी फि र के काम में जुट गई। बताया जा रहा है कि लॉकर गोदरेज कंपनी के है और कंपनी से लॉकर खोलने वाले को सवेरे बुला लिया गया, जो पांच घंटे तक लॉकर रूम में रहा। उसे पुलिस पहरे में बाहर निकालकर रवाना किया गया। जो बेनामी लॉकर खुलवाए गए हैं और उसमें निकले सामान की जांच की जा रही है।
खबर फैलने के बाद पहुंचे कई लॉकर धारक :
रॉयेरा लॉकर्स में ब्लैकमनी का पैसा होने की जानकारी आग की तरह फैली और दिल्ली से एक लॉकर धाकर महिला अपनी बेटी के साथ लॉकर ऑपरेट करने पहुंची, लेकिन महिला को लॉकर रूम में एंट्री नहीं दी गई। उन्हें कार्रवाई जारी करने का हवाला देकर रवाना कर दिया। यही स्थिति अन्य लॉकर धारकों के साथ रही। यह भी बताया जा रहा है कि कुल 1100 लॉकर हैं, जिनमें से 800 लॉकर की चाबी एजेंसी के पास है और उन्हें खोला जा चुका है।
दिनभर चर्चाओं का दौर :
लॉकर्स में 500 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी की बात आग की तरह फैली और दिनभर अफ वाहों का दौर जारी रहा। गणपति प्लाजा आने वाला हर कोई एक ही बात जानने का इच्छुक था कि आखिर लॉकरों में कितने करोड़ रुपए का राज उगला। लोगों को अब भी आस है कि लॉकरों में करोड़ों की रकम सामने आ सकती है।

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