खाताधारक ने लौटाने से किया इनकार, साइबर सेल ने कराए 1.80 लाख रुपए रिफंड
जोधपुर। जिले की ग्रामीण पुलिस की साइबर सेल ने गलती से दूसरे के खाते में भेजें रुपए परिवादी को रिफंड करवाने में सफलता प्राप्त की। परिवादी ने ऑनलाइन ट्रांसफर करने के दौरान 1 लाख 80 हजार रुपए किसी अन्य खाते में गलती से भेज दिए थे। पता चला तो पीडि़त ने साइबर सेल में शिकायत दी। इसके आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने यह रुपए रिफंड करवाने में सफलता प्राप्त की।
ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि परिवादी सहीराम निवासी राजाला पुलिस थाना लोहावट ने गलती से दूसरे के खाते में 1लाख 80 हजार रुपए भेज दिए थे। इसको लेकर परिवादी ने मोबाइल के जरिए उस व्यक्ति से संपर्क किया जिसके खाते में रुपए ट्रांसफर हुए, लेकिन उसने रुपए वापस देने से मना कर दिया। परेशान होकर परिवादी ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज की। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बैंक के नोडल अधिकारी से पत्राचार कर यह रुपए रिफंड करवाए।
उन्होंने आमजन को साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए सावधानियां बरतने की भी सलाह दी है। उन्होंने बताया फ्रॉड की घटना होने पर 1930 पर कॉल कर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। गूगल आदि सर्च इंजन पर किसी भी कस्टमर केयर का नंबर ढूंढते समय ऑफिशियल वेबसाइट का उपयोग करें। क्यूआर कोड से राशि डबल करने के झांसे में नहीं आएं। क्यूआर कोड पैसे भेजने के लिए उपयोग आता है न की पैसे प्राप्त करने के लिए, इसलिए पैसे भेजने के नाम पर क्यूआर कोड स्केन करने वालों से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनजान नंबर से कॉल या मैसेज आए और आपके दोस्त का नाम लेकर इलाज, फोन पे नंबर और क्यूआर कोड भेजकर राशि डालने को बोले तो उसे मना कर दें। किसी को भी ओटीपी और पिन नहीं बताए और वॉट्सऐप पर यदि कोई अनजान नंबर पर किसी परिचित की डीपी लगा कर पैसे मांगता है तो पैसे भेजने से पहले वेरिफाइड जरूर करें। लॉटरी खुलने, कैश बैक रिफंड और गिफ्ट के झांसे में नहीं आए।
कस्टमर केयर के नंबर कभी भी गूगल से सर्च नहीं करें। केवल ऑफिशियल वेबसाइट से ही नंबर प्राप्त करें। अनजान लोगों से प्राप्त होने वाली वीडियो कॉल रिसीव नहीं करें और ना ही फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकार करें।