राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की स्थाई पीठ को लेकर मांगा जवाब

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हाईकोर्ट ने रिक्त पदों की जानकारी देने को लेकर राज्य सरकार को 17 जुलाई तक का दिया समय
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश जारी कर कहा है कि वे न्यायालय को अवगत कराएं कि खंडपीठ के गत 13 दिसंबर के आदेश की पालना में जोधपुर में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की स्थाई पीठ सभी संसाधन सहित कब तक गठित कर दी जाएगी। साथ ही आगामी तारीख 17 जुलाई तक यह भी जानकारी दें कि राज्य के जिला आयोगों में अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पद भरने बाबत क्या कार्रवाई की गई है।
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि राज्य सरकार जोधपुर में राज्य आयोग की स्थाई पीठ गठित करने में गंभीर नहीं है। हाईकोर्ट के बार-बार निर्देशों के बावजूद अपने शपथ पत्र में उपभोक्ता मामलात विभाग यह बताने में विफल रहा है कि उन्होंने स्थाई पीठ गठित करने बाबत अभी तक क्या कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2022 में हुए साक्षात्कार में गत 13 मार्च को जिला आयोग के 12 अध्यक्ष और 7 सदस्यों को नियुक्ति प्रदान की लेकिन अध्यक्ष पद के चार और सदस्यों के 3 रिक्त पद नहीं भरने का कोई समुचित कारण भी नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह तक अध्यक्ष के तीन और सदस्यों के 23 पद रिक्त होने पर भी रिक्तियां अभी तक घोषित नहीं की गई है जो कि छह माह पूर्व ही घोषित हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जोधपुर सहित राज्य के सभी जिला आयोग और राज्य आयोग में मानव संसाधन और सारभूत सुविधाओं बाबत राज्य सरकार अपेक्षित कार्रवाई नहीं कर रही है। जोधपुर के उपभोक्ता भवन में अभियोजन विभाग के उप निदेशक कार्यालय को उनके विभाग के नव निर्मित तीन मंजिला भवन में शिफ्ट किया जाएं ताकि राज्य आयोग और दोनों जिला आयोग में सुविधायुक्त जगह उपलब्ध हो जाने से उपभोक्ताओं और अधिवक्ताओं को सुविधा होगी।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित ने कहा कि जोधपुर में राज्य आयोग की स्थाई पीठ गठित करने के लिए अनुमति प्रक्रिया चल रही है और इसके लिए 17 अधिकारी व कर्मचारी के पद स्वीकृत करने की सिफारिश भी कर दी गई है। सरकार की ओर से राज्य आयोग और जिला आयोग को पूरा बजट दिया जा रहा है लेकिन वे इसे खर्च नहीं कर पा रहे है। हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डा सचिन आचार्य और राज्य आयोग की ओर से दिनेश जैन ने पैरवी की।
खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित ने राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष से अनुरोध किया है वे आगामी तारीख तक न्यायालय को अवगत कराएं कि राज्य के सभी जिला आयोग और राज्य आयोग में मानव संसाधन और सारभूत सुविधाएं कितनी उपलब्ध है और यह भी जानकारी दें कि राज्य और जिला आयोग के अध्यक्ष और कर्मचारियों को वेतन भुगतान में राज्य सरकार की ओर से समय पर भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आयोग को मिलने वाले बजट और कोष बाबत भी जानकारी उपलब्ध कराने का कहा। उन्होंने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि आगामी पेशी 17 जुलाई तक बताएं कि जोधपुर में राज्य आयोग की स्थाई पीठ सभी सारभूत संसाधन सहित कब तक गठित कर दी जाएगी।

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