जयपुर, 3 मई। जिला उपभोक्ता आयोग, क्रम-3 ने खाताधारक को दो हिंदू अविभाज्य परिवार का सदस्य बताकर उसके पीपीएफ खाते का ब्याज रोकने को सेवा दोष माना है। इसके साथ ही आयोग ने डाक विभाग पर एक लाख पच्चीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही आयोग ने पीपीएफ खाते की ब्याज राशि 31 मार्च, 2020 से नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है। आयोग ने यह आदेश कुलदीप कुमार गुप्ता एचयूएफ के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि अगस्त, 2004 में परिवादी और उसके पिता ने एचयूएफ की हैसियत से शास्त्री नगर पोस्ट ऑफिस में दो अलग-अलग पीपीएफ खाते खुलाए। पोस्ट ऑफिस ने पीपीएफ खाते की पन्द्रह साल की अवधि पूरी होने पर उसके पिता के खाते का भुगतान कर दिया, लेकिन परिवादी के खाते में दिया गया ब्याज रिकवर करने के आदेश दे दिए। परिवाद में कहा गया कि उसने एचयूएफ के सदस्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं छिपाई है। कानूनन रूप से पुत्र छोटी एचयूएफ का सृजन कर सकता है। ऐसे में उसे ब्याज सहित राशि दिलाई जाए। जिसका विरोध करते हुए डाक विभाग की ओर से कहा गया कि परिवादी ने खाता खुलवाते समय यह तथ्य छिपाया था कि एक अन्य एचयूएफ के पीपीएफ खाते में वह सदस्य की हैसियत से नामित है। जबकि खाता खुलवाते समय परिवादी ने यह प्रमाणित किया था कि उसका देश में एक ही एचयूएफ खाता है। वहीं पीपीएफ नियमों के तहत एचयूएफ कर्ता द्वारा एक ही खाता खुलवाया जा सकता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने इसे डाक विभाग का सेवा दोष मानते हुए रोकी गई ब्याज राशि ब्याज सहित अदा करने के साथ ही एक लाख पच्चीस हजार रुपए का हर्जाना भी देने को कहा है।
2023-05-03