भाजपा के बाद कांग्रेस नेताओं में भी नाराजगी
कांग्रेस आलाकमान द्वारा उदयपुर शहर सीट पर राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ को टिकट दे प्रत्याशी घोषित किए जाने से स्थानीय कांग्रेसजन खुश नहीं है। भाजपा के बाद उदयपुर में कांग्रेस में दबे स्वर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान के निर्णय को सही नहीं बताते हुए पुनर्विचार करने की सलाह दी है।
उदयपुर सीट से टिकट के लिए दावेदारी रखने वाले पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष, पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव सुहालका के आॅफिस पर बुधवार को एकत्रित हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रो गौरव को टिकट देने के निर्णय पर नाराजगी जाहिर की।
वरिष्ठ नेता सुरेश श्रीमाली का कहना है कि हाईकमान ने जो पेराशूट उम्मीदवार उतारा उससे स्थानीय कार्यकर्ताओं में रोष है। हाईकमान को अगर जाति समीकरण के हिसाब से भी टिकट देना था तो यहां भी कई वरिष्ठ कार्यकर्ता थे। प्रो गौरव को प्रत्याशी बनाना स्थानीय कार्यकर्ताओं के गले नहीं उतर रहा। जबकि यहां आए पर्यवेक्षकों के सामने धरना प्रदर्शन कर स्थानीय कांग्रेसजन बाहरी पर आपत्ति कर चुके थे। जबकि प्रो गौरव यहां आए पर्यवेक्षकों के सामने कभी नहीं आए। श्रीमाली ने कहा कि भाजपा की झोली में डालने के लिए यह सीट दी। किस सोच से गौरव को टिकट दिया। यह हमारे शीर्ष नेतृत्व का निर्णय नही हो सकता।
किसी और तरीके से दबाव से कराया गया है। प्रो गौरव के पढ़े लिखे होने के तर्क पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पढ़े लिखे विशेषज्ञ कार्यकर्ता तो यहां भी थे जिन्होंने कई डिग्रियां हासिल की है। उन्हें यह मौका दिया जा सकता है। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। सभी वरिष्ठ और पुराने कांग्रेस पदाधिकारी इस पर रणनीति बनाएंगे। हम संगठन के विपरित काम नहीं करेंगे। न ही निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे लेकिन पार्टी से इस्तीफा देंगे। शीर्ष नेतृत्व को स्थानीय कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करना पड़ेगा। प्रो गौरव को टिकट देने के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर उपप्रधान दिलीप प्रभाकर, मार्बल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महिपालसिंह, कांग्रेस नेता केजी मून्दड़ा, खुबीलाल मेनारिया, विनोद पानेरी, पूर्व नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मोहसिन खान ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए आलाकमान से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।