सोशल मीडिया पर ‘लाईव रिपोटिंग’ से हो रही वोटर्स की ‘गोपनियता भंग’
बीकानेर, 7 नवंबर : चुनावी गहमा गहमी के दौर मे कुकरमुत्ते की तरह पनपे यू-ट्यूब चैनल के रिपोर्टर अपनी रिर्पोटिंग का लाईव प्रसारण कर शहर से लेकर गांव गांव तक वोटर्स की गोपनियता भंग कर रहे है, जो सीधे तौर पर आचार संहिता के दायरे में आता है, इसके बावजूद निर्वाचन विभाग की ओर से इनके खिलाफ सख्ती नहीं बरती जा रही है। बीकानेर में इस मामले को लेकर कई जागरूक वोटर्स ने निर्वाचन आयोग को शिकायत भेजी है। शिकायत में अवगत कराया गया है कि किसी भी वोटर्स का वोट पूरी तरह गोपनीय होता है और यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी खासियत होती है, इसके बावजूद विधानसभा क्षेत्रों के गलियारों में अपने मोबाईल कैमरें लिये घूम रहे यू-ट्यूब चैनल्स के रिपोर्टर वोटरों का लाईव प्रसारण कर पूछ रहे है कि इस बार आप किस पार्टी या प्रत्याशी को वोट देगें, जबकि निर्वाचन आयोग की गाईड लाइन में स्पष्ट है कि किसी वोटर्स के वोट की गोपनीयता भंग नहीं की जा सकती है।
हैरानी की बात तो यह है कि ये रिपोर्टस किसी एक-दो के पास नहीं वरन सैकड़ों वोटर्स के पास पहुंच कर उनकी गोपनीयता उजागर कर रहे है। वोटर्स से यह पूछना कि आप किसे वोट देगें यह वोटिंग गोपनीयता पर सवाल खड़े करता है, जबकि कोई भी वोटर्स से यह नहीं पूछ सकता है कि किसे वोट देगें, उसके द्वारा दिया गया वोट पूरी तरह गोपनीय रहता है। इसलिए तो वोटिंग बूथों पर की जाने वाली व्यवस्था ऐसी होती कि गोपनीयता बरकरार रहे।