सीएम गहलोत के प्रार्थना पत्र पर बहस पूरी, फैसला 19 को

Share:-

जयपुर, 14 सितंबर। दिल्ली की राउज एवेन्यू की निचली अदालत में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह के मानहानि परिवाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है। अदालत मामले में 19 सितंबर को इस प्रार्थना पत्र पर अपना फैसला देगी। सीआरपीसी की धारा 256 के तहत पेश इस प्रार्थना पत्र में सीएम अशोक गहलोत ने परिवाद गजेंद्र सिंह के अदालत में पेश नहीं होने के आधार पर दोषमुक्त करने की गुहार की है।
सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व परिवादी केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह वीसी के जरिए अदालत में हाजिर हुए। सीएम गहलोत की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 256 के तहत यदि मामले का परिवादी अदालत में हाजिर नहीं होता है तो कोर्ट को इस आधार पर उन्हें बरी कर देना चाहिए। वहीं शेखावत की ओर से कहा गया कि यदि लंबे समय तक परिवादी अदालत में पेश नहीं हो तो इस धारा के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा बीती दो पेशियों से परिवादी अदालत में हाजिर हो रहे हैं। ऐसे में इस प्रार्थना पत्र का अब कोई औचित्य नहीं है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत में प्रार्थना पत्र पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने संजीवनी घोटाले में सीएम गहलोत की ओर से उनके खिलाफ बयानबाजी करने पर आपराधिक मानहानि का परिवाद पेश किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सीएम गहलोत को समन जारी कर तलब किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *