-वसुंधरा ने तो यूनिवर्सिटी ही बंद कर दी थी, इनकी सोच नेगेटिव, दुश्मनी निकालते हैं यह लोग
जयपुर, 5 सितंबर (विसं) : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में आहूत शिक्षक सम्मान समारोह में एक बार फिर सियासी बयान देते हुए भूचाल ला दिया। गहलोत ने कहा कि लोग कहते हैं कि मैं और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे मिले हुए हैं। जबकि मैंने कई यूनिवर्सिटी का निर्माण किया था। पिछली राजे सरकार ने उन्हें बंद कर दिया। इसके बाद भी लोग कहते हैं कि मैं और वसुंधरा मिले हुए हैं। कैसे हम मिले हुए हैं यह तो कोई बताओ। उन्होंने मेरे सब कामों को बंद कर दिया। उन्होंने रिफाइनरी भी बंद कर दी थी। इसकी वजह से 38 हजार करोड़ की रिफाइनरी अब 72 हजार करोड़ में बनेगी। इसमें मोदी की सरकार ने भी उनका साथ दिया।
सीएम गहलोत ने कहा कि यूनिवर्सिटी की पॉलिसी होती है। अगर कोई यूनिवर्सिटी शुरू होती है तो वह बंद नहीं हो सकती है। वसुंधरा राजे ने पहली बार हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया, फिर डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम की यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया। हमारी सरकार ने एक्ट में परिवर्तन कर फिर से इन दोनों यूनिवर्सिटीज को शुरू किया। अब दोनों की शानदार बिल्डिंग बन रही है। गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार की सोच सकारात्मक है, जबकि पिछली सरकार की सोच नकारात्मक थी। नेगेटिव सोचना उनकी फितरत में है। वे लोग दुश्मनी निकालते हैं। तनाव पैदा करना चाहते हैं। उन लोगों में सहनशक्ति नहीं है। उनकी टॉलरेंस पावर बहुत कम है।
आलोचना करते ही आपको देशद्रोही की श्रेणी में खड़ा कर दिया जाता है। मैं आलोचना का स्वागत करता हूं। अगर वह तथ्य के आधार पर हो। विपक्ष का काम भी आलोचना करना है। राजस्थान में तो सिर्फ हवा में आलोचना की जाती है। जो हवा में ही उड़ जाती है। वह नीचे नहीं उतर पाती है।
अडानी के शेयर धड़ाम हो गए
सीएम गहलोत ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम का फैसला मैंने मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया है। 35 साल की सरकारी नौकरी करने के बावजूद लोग बुढ़ापे में आजीविका के लिए परेशान हो रहे थे। पेंशन के लिए कुछ लोगों ने शेयर मार्केट में भी पैसे लगाए। शेयर मार्केट में तो अडानी का शेयर भी धड़ाम हो गया। ऐसे में उन लोगों के शेयर मार्केट का क्या होगा। सिर्फ शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड के भरोसे नहीं रहा जा सकता है।