राजस्थान मल्टीस्टेकहोल्डर फोरम ऑन चाइल्ड लेबर की वार्षिक बैठक

Share:-

बालश्रम रोकथाम के लिए साझा प्रयास ज़रूरी: के. एल. जैन

जयपुर, 25 मई। राजस्थान को बालश्रम मुक्त बनाने के लिए आवश्यक है कि औद्योगिक और सामाजिक संगठन सरकार के साथ मिल कर साझा प्रयास करें। असंगठित उद्योगों जैसे-चूड़ी बनाने, आरी-तारी, नगीने घिसाई, गहने बनाना, कालीन बुनाई आदि काम घरों से संचालित होते हैं और यहां बालश्रम की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसलिए ऐसी जगहों को चिन्हित कर विशेष निगरानी कर बालश्रम को रोकना होगा। राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ. के.एल. जैन ने सेव द चिल्ड्रन, वर्क नो चाइल्ड्स बिजनिस और राजस्थान मल्टीस्टेकहोल्डर्स की वार्षिक बैठक में सरकारी विभागों के अधिकारियों, सामाजिक और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियो से कहा कि बड़ी इंडस्ट्रीज की सप्लाई चेन में भी कहीं बालश्रम ना हो यह सुनिश्चित करना होगा। राजस्थान में विधायकों का आमुखीकरण कर उन्हें आप के-अपने विधानसभा में बालश्रम की रोकथाम और बालश्रमिक पाए जाने पर नियोक्ता के खिलाफ उचित कारवाई सुनिश्चित करवानी होगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, सेव द चिल्ड्रन के साथ मिल कर संभागीय स्तर पर ‘बालश्रम मुक्त व्यवसाय’ विषय पर औद्योगिक संगठनों से चर्चा करेगा। फैक्ट्रीज और सप्लाई चैन में कहीं भी बालश्रमिक ना हो इसके लिए साझा प्रयास किए जायेंगे।
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की पूर्व सदस्य नुसरत नक़वी ने कहा कि ज़िला स्तर पर बाल कल्याण समितियों को सशक्त बनाया जाना चाहिए। मंजरी संस्था के निदेशक मनीष सिंह ने कहा कि पत्थर खदानों के स्लरी व्यवसाय इलाकों में घर-घर में बालश्रमिक हैं, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार ने बालश्रम रोकथाम की पॉलिसी तो बना रखी है मगर इसके कार्यान्वयन को पुख्ता करना होगा। सेव द चिल्ड्रन के चाईल्ड प्रोटेक्शन मैनेजर रमाकांत सत्पथी ने प्रदेश में बालश्रम रोकथाम के लिए रोडमैप बनाने का सुझाव दिया।

केम्पैनअगेंस्ट चाईल्ड लेबर के याक़ूब मोहम्मद ने बालश्रम की रोकथाम के लिए सभी ज़िम्मेदार विभागों में संवाद स्थापित करने पर ज़ोर दिया। राजस्थान मल्टीस्टेकहोल्डर्स ऑन चाईल्ड लेबर की कन्वीनर और अरमान संस्था की निदेशक शाहीन ने कहा कि राजस्थान को बालश्रम मुक्त बनाने के लिए औद्योगिक घरानों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन हर हाल में करना होगा। प्रयास संस्था के अजय शर्मा ने कहा कि युवाओं को रोजगार कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जाना चाहिए। राजस्थान पुलिस की मानव तस्करी यूनिट के प्रभारी विनोद ने कहा कि यूनिट के प्रशिक्षण और क्षमता संवर्द्धन के तुरंत प्रयास किये जाने चाहिए। इस अवसर पर राजस्थान चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के मानद सचिव आनन्द महरवाल, सचिव दिनेश कानूनगो, अरावली के निदेशक वरुण शर्मा,इंटरनेशनल जस्टिस मिशन की अनुसा, श्रम एवं नियोजन विभाग की अंकिता सिंह, चाईल्ड लाइन की सुमन, क्राई की श्रद्धा सिंह, सेंटर फॉर चाईल्ड प्रोटेक्शन के फहीम, ऑल इंडिया प्राइमरी टीचर्स असोशिएशन के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश शर्मा ने भाग लिया। सेव द चिल्ड्रन और वर्क नो चाइल्ड्स बिजनिस के प्रभारी एज़ाज़ नज़र ने बताया कि यह पहला अवसर है जब सरकार, औद्योगिक और सामाजिक संगठन एकजुट हो कर बाल श्रम की रोकथाम के साझा प्रयास कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *