भारत सरकार 14 मोबाइल एप्लिकेशन ब्लॉक करने जा रही है। पाकिस्तान में छिपे आतंकी इन ऐप्स का इस्तेमाल कश्मीर में अपने सपोर्टर्स और ऑन-ग्राउंड वर्कर के साथ कम्युनिकेशन के लिए कर रहे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है।
केंद्र जिन ऐप्स पर बैन लगा रही है उनमें क्रीपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, ब्रायर, बीचैट, मीडियाफायर, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी और थ्रेमा शामिल हैं। इसमें से कुछ ऐप्स गूगल प्लेस्टोर पर भी मौजूद है।
यूजर्स की पहचान को गुमनाम रखते थे ऐप्स
एजेंसियां आतंकियों के आपस में कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चैनलों पर नजर रखती हैं। एक बातचीत को ट्रैक करते समय एजेंसियों को ऐसे ऐप्स के बारे में पता चला। इनमें से ज्यादातर ऐप्स को यूजर्स को गुमनामी (एनॉनिमिटी) देने के लिए डिजाइन किया गया था।
इनके फीचर्स की वजह से एजेंसियों को इन यूजर्स तक पहुंचने में मुश्किल हो रही थी। एजेंसियों ने कई मौकों पर ऐप मैनेजमेंट से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन भारत में इसका कोई ऑफिस नहीं था। एक इन ऐप्स को IT एक्ट 2000 के सेक्शन 69A के तहत ब्लॉक किया गया है।
फरवरी में 232 चीनी ऐप्स किए थे बैन
इससे पहले फरवरी में केंद्र सरकार ने 232 मोबाइल ऐप्स ब्लॉक किए थे। इसमें 138 ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले और 94 लोन देने वाले ऐप्स शामिल थे। ये ऐप्स लोगों को लोन लेने और सट्टा खेलकर लाखों जीतने का लालच देते हैं। बाद में कर्ज न चुका पाने पर उन्हें भद्दे मैसेज भेजते थे।