कोटा 1 सितम्बर :। रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा न्यायाधीशों एवं वकीलों के खिलाफ दिये बयान को न्यायिक अवमानना बताते हुए कन्टेम ऑफ कोर्ट एक्ट, 1971 के सेक्शन 12 के तहत अवमानना का नोटिस भेजा है।
श्री दिलावर ने अपने वकील एडवोकेट डॉ. महेश शर्मा के जरिये मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को भेजे लीगल नोटिस में कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 अगस्त 2023 को मीडिया में एक बयान देकर न्यायपालिका पर भ्रष्टचार के आरोप लगाये, इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट में वकील जो लिखकर दे देते हैं जज वहीं फैसला सुना देते हैं। यह आरोप न्यायपालिका और न्यायाधीशों तथा वकीलों की समाज में प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला है। मुख्यमंत्री के इस बयान से जनता में न्यायपालिका और न्यायाधीशों के प्रति आघात पहुंचा है। जबकि न्यायपालिका और न्यायाधीशों के खिलाफ बयान देने का कोई कारण मुख्यमंत्री के पास नहीं बनता है।
मुख्यमंत्री ने बिना किसी तथ्य के जानबूझ कर न्यायपालिका को क्षति पहुंचाने व न्यायाधीशों की निष्पक्षता को संदेह के घेरे में डालने के लिये इस तरह का बयान दिया है ताकि आमजनता में न्यायाधीशों व वकीलों को बदनाम किया जा सके। जो कि सीधे-सीधे न्यायालय की अवमानना है तथा जानबूझ कर किया गया अपराधिक षडयंत्र है।
एडवोकेट डॉ. महेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे कानूनी नोटिस में कहा है कि नोटिस मिलने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री दिनांक 31 अगस्त 2023 को उनके हवाले से समाचार पत्रों में प्रकाशित एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में प्रसारित अपने बयान को वापस लें तथा सार्वजनिक रूप से समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से माफी मांगे। अन्यथा ऐसे नहीं करने पर आपके खिलाफ माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय में अवमानना की कार्यवाही शुरू की जायेगी।