जयपुर, 11 अक्टूबर। अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-3 जयपुर जिला ने सांड की टक्कर से व्यक्ति की मौत के मामले में नगर निगम, जयपुर और मानसरोवर जोन पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। अदालत ने नगर निगम को यह भी आदेश दिए हैं कि वह हर्जाना राशि पर दावा पेश करने की तिथि से छह फीसदी ब्याज भी मृतक के आश्रितों को अदा करे। अदालत ने यह आदेश ऋषि देवी व अन्य की ओर से दायर दावे पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में सांड की टक्कर से रोड पर जा रहे बलवंत राज की मौत हुई है। उस सांड को सडक़ पर घूमने से रोकने का दायित्व नगर निगम का था, लेकिन निगम अपने दायित्व की पूर्ति करने में असफल रहा है। गाय, कुत्तों आदि आवारा पशुओं के टक्कर मारने से दुर्घटना होने की खबरें आए दिन प्रकाशित होती रहती हैं।
दावे में अधिवक्ता अनूप पारीक ने अदालत को बताया कि 23 सितंबर 2015 को दावाकर्ता के पति व पिता बलवंत राज मानसरोवर जा रहे थे। उस दौरान सडक़ पर एक सांड दौड़ता हुआ आया और बलवंत राज को टक्कर मारकर घायल कर दिया। इस पर उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान 8 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। दावे में कहा गया कि दुर्घटना की जानकारी मृतक के परिजनों की ओर से नगर निगम को दी गई थी, लेकिन निगम ने न तो उनके इलाज का कोई प्रयास किया और ना ही सांड को पकडा। इलाज के दौरान वादी के करीब 2 लाख 28 हजार रुपए खर्च हुए। इसके अलावा प्रार्थी के कोई पुत्र नहीं होने के चलते उसे भविष्य में अपनी देखभाल करने के लिए केयर टेकर की नियुक्ति करनी पडेगी। ऐसे में उसे नगर निगम से हर्जाना दिलाया जाए। वहीं नगर निगम की ओर से कहा गया कि दावाकर्ता ने सांड की टक्कर से मौत को लेकर कोई दस्तावेज पेश नहीं किए हैं। इसके अलावा निगम शिकायत पर आवारा पशुओं को पकड़ता है। इसलिए दावे को खारिज किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने नगर निगम पर हर्जाना लगाया है।