निधन से न्यायिक जगत में छाई शोक की लहर, श्रद्धांजलि के बाद अदालतों में आधे दिन बाद किया कार्य स्थगित
जोधपुर। शहर के जाने-माने वरिष्ठ अधिवक्ता व बैंच बार के भीष्म पितामह कहे जाने वाले 103 वर्षीय वरिष्ठ अधिवक्ता लेखराज मेहता का बुधवार देर रात निधन हो गया। उनके निधन से न्यायिक जगत में शोक की लहर छा गई। उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद आज आधे दिन का कार्य स्थगित कर दिया गया। वहीं उनकी इच्छानुसार उनके परिजनों ने जोधपुर एम्स में उनकी देहदान की।
स्वर्गीय लेखराज मेहता की अंतिम यात्रा आज दोपहर उनके निवास स्थान लांबिया हाउस मकराना मोहल्ला से निकाली गई। उनकी अंतिम यात्रा में राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व व वर्तमान जस्टिस और अधिवक्ताओं के साथ ही शहर के गणमान्य लोग शामिल हुए। एम्स पहुचंकर उनकी देह दान की गई।
बता दे कि स्वर्गीय लेखराज मेहता वर्ष 1947 से राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत कर रहे थे। वकालत पेशे में उन्होंने राजपरिवार सहित शहर के कई सिविल मुकदमों में अपना पक्ष रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय पारित करवाए। इसके साथ ही अपने जीवन काल में कई चर्चित मुकदमे लड़े। मेहता की सिविल वकालत के साथ ही चुनावी याचिकाओं में भी चर्चित भूमिका रही। वे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के भी वकील रहे चुके थे। मेहता का जन्म 4 जून 1921 को हुआ और 1943 में उन्होंने बनारस से एलएलबी और 1947 में लखनऊ से एलएलएम की डिग्री प्राप्त की। उनके पुत्र राजेश मेहता भी वकील है। वर्ष 2007 तक मेहता अपने पुत्र व पोते रमित मेहता साथ-साथ कोर्ट जाते।