कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाने में सफल नहीं हो पा रही भाजपा
-प्रदेश कार्यालय पर सोशल सेल के नए कार्यालय का शुभारंभ
जयपुर, 3 जून : रिवाज-परंपरा और 30 सालों के इतिहास की दुहाई देकर सत्ता में काबिज होने का सपना लेकर चल रही भाजपा की सीएम अशोक गहलोत ने पूरी तरह नींद उड़ा दी है। वैसे भी कांग्रेस के खिलाफ प्रदेश में माहौल नहीं है और सीएम ने एक के बाद एक जनहित की योजनाओं का सीधा लाभ लोगों को देकर भाजपा की नींद उड़ा दी है। इसी के चलते अब भाजपा नए सिरे से रणनीति बनाकर चुनावी मैदान में कूदेगी। इसके लिए उसने अब बदलेगी सरकार, बदलेगा राजस्थान का नया नारा बुलंद किया है। इस थीम के जरिए वह अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार बढ़ाएगी। वहीं लोगों के बीच जाकर पीएम मोदी के नाम से वोट मांगेगी। हालांकि हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक में भाजपा केंद्र के नाम से वोट मांगने में विफल साबित हुई थी और इसी के चलते दोनों स्टेट में उसकी हार हुई। बावजूद राजस्थान में सीएम फेस को लेकर व्याप्त रार के चलते यहां भी पीएम के नाम, काम व चेहरे के साथ चुनावी मैदान में जाने का निर्णय लिया है।
कहा जाता है कि रिवाज-परंपरा व इतिहास बनते हैं और टूटते भी हैं। इस बार कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 30 साल के उस रिकॉर्ड को ब्रेक कर सकती है जिसमें हर पांच साल में सरकार बदल जाती है। दूसरी तरफ भाजपा फिलहाल इस परंपरा के भरोसे चल रही थी, लेकिन प्रदेश में एकाएक जो माहौल बदला उससे शीर्ष नेतृत्व एकदम सक्रिय हो गया है। पीएम की अजमेर रैली के बाद भी प्रदेश में कोई विशेष माहौल बनते नजर नहीं आ रहा है। इसी के चलते अब संगठन से लेकर पार्टी स्तर पर मीटिंगों का दौर शुरू हो गया है। सबसे पहले पार्टी अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश देकर उनमें उत्साह का संचार करने के अभियान में जुटी है।
अब भाजपा ने अपने बैनर, पोस्टर, होर्डिंग में बदलेगी सरकार बदलेगा राजस्थान का नारा बुलंद किया है और अब इसी थीम पर वह चुनावी मैदान में जा रही है। वहीं प्रदेश कार्यालय पर आधुनिक संसाधानों से लैस सोशल सेल कार्यालय का भी शुभारंभ किया है। ताकि वह सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक अपनी पहुंच बना सके।
इन परेशानियों से पार पाना मुश्किल
-सीएम फेस को लेकर अंदरखाने विवाद
-प्रदेशस्तरीय ऐसा नेता जिसकी पूरे राजस्थान में पकड़ हो उसका अभाव
-पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और शीर्ष नेतृत्व के बीच खटास
-चुनाव प्रबंधन समिति का काम देने के लिए सर्वमान्य नेता का अभाव
-राजस्थान को लेकर कांग्रेस के खिलाफ बड़े मुद्दों का अभाव
-करप्शन मामले में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट द्वारा पूर्व सीएम राजे पर आक्रामक हमलें
-सीएम गहलोत द्वारा अपनी सरकार बचाने के लिए राजे व मेघवाल को श्रेय देना
-क्या केंद्र के काम पर राजस्थान की जनता विधानसभा में वोटिंग करेगी
कांग्रेस को घेरने में भाजपा नाकाम
प्रदेश में कांग्रेस को घेरने में भाजपा को जरा भी सफलता नहीं मिल रही है। हालात यह है कि उसकी जन आक्रोश यात्रा फ्लॉप साबित हुई तो कोई बड़े मुद्दे नहीं जिससे गहलोत को घेरा जा सके। पेपर लीक व करप्शन का बड़ा मुद्दा था, लेकिन जब तक भाजपा नींद से जागती तब तक इसे पायलट ले उड़े। इन दो मुद्दों पर पायलट खुद ही जनता के बीच जाकर ठोस कदम उठवाने का दावा कर रहे हैं। इस स्थिति में भाजपा इस समय सिर्फ मोदी के नाम व काम को लेकर ही वोट मांगती नजर आ रही है।