चित्तौड़गढ़ सीट पर पूर्व विधायक को भाजपा ने पुनः आजमाया
लगातार दो बार के विजेता को किया दरकिनार
चित्तौडगढ 21 अक्टूबर भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची जारी की। पहली सूची के जारी होने के बाद जिस तरह के कयास चित्तौड़गढ़ सीट को लेकर लगाये जा रहे थे वे शनिवार को सही साबित हुए। शनिवार को 83 प्रत्याशियों की जो सूची जारी की गई उसमें चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से लगातार विगत दो चुनाव जीत रहे चन्द्रभानसिंह आक्या का टिकिट काट दिया गया है।
षनिवार को जारी की गई भाजपा सूची में चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से निवर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या का टिकिट काटकर निवर्तमान विद्याधर नगर विधायक एवं पूर्व में यहां से तीन बार चुनाव लड़ चुके नरपतसिंह राजवी को टिकिट दिया गया है। निवर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या एवं क्षेत्रीय सांसद सी.पी. जोशी राजनीतिक हलकों में विरोधी गुट माने जाते रहे है। क्षेत्रीय सांसद सी.पी. जोशी के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद से ही राजनीतिक विश्लेशक विगत छह माह से यह कयास लगा रहे थे कि इस बार निवर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या को मौका नही मिलेगा और यह कयास षनिवार को जारी सूची ने सही साबित कर दिया है। अब सभी की निगाहे निवर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या के अगले कदम पर टिकी हुई है। हालांकि यह भी कयास लगाये जा रहे है कि मंझे हुए राजनीतिक की तरह निवर्तमान विधायक आक्या खुलकर विरोध नही करेंगे लेकिन राजनीति में अपना वजूद कायम रखने के लिए अन्दरखाने पार्टी को नुकसान जरूर पहुंचायेंगे।
दो बार क्षेत्रीय विधायक रह चुके है राजवी
भाजपा की ओर से षनिवार को जारी लिस्ट में प्रत्याशी बनाये गये राजवी पूर्व में चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके है। नरपतसिंह राजवी ने अपना राजनीतिक कैरियर 1993 में चिŸाड़गढ़ से ही प्रारंभ किया था और उन्होने तत्कालीन कांग्रेस की दिग्गज निर्मला कुमारी को 15380 मतों से पराजित किया था। उन्होने पुनः 1998 में चित्तौड़गढ़ सीट से ही भाग्य आजमाया था लेकिन इस बार कांग्रेस के सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत से 6831 मतों से पराजित हो गये। दोनो प्रत्याशियों ने पुनः 2003 विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाया और इस बार पुनः राजवी 11813 मतों से विजयी होने में सफल रहे। 2008 में नरपत सिंह राजवी ने विद्याधर नगर से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा। वर्श 2013 और 2018 दोनो विधानसभा चुनाव राजवी विद्याधर नगर से जीतने में कामयाब रहे। इस बार राजवी के स्थान पर विद्याधर नगर से सांसद दीया कुमारी को टिकिट देकर राजवी को पुनः चित्तौड़गढ़ भेज दिया गया है।
विरोध थामा या बढ़ाया, यह परिणाम बतायेगा
लगातार दो बार विद्याधर नगर से चुनाव जीतने वाले भाजपा के नरपतसिंह राजवी का टिकिट 2023 विधानसभा चुनाव के लिए घोशित 41 जनों की भाजपा की पहली सूची में काट दिया गया था और उनकी जगह सांसद दीया कुमारी को विद्याधर नगर से टिकिट दिया गया। इसके चलते राजवी के समर्थकों ने विरोध भी जताया था। लेकिन आज घोषित सूची में राजवी को चित्तौड़गढ़ से टिकिट देकर भाजपा ने विरोध को थामने की कोशिश की। लेकिन चित्तौड़गढ़ से लगातार दो बार से और अच्छे मतों से चुनाव जीत रहे चन्द्रभानसिंह आक्या का टिकिट काट दिया गया है जिसके चलते पार्टी को पुनः यहां विरोध का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि राजवी की टीम ही चन्द्रभानसिंह आक्या को विरासत में मिली थी लेकिन अब यहां की राजनीति के नजारे अलग है।
दूसरी सूची के साथ ही विरोध षुरू
आक्या का टिकिट कटने से नाराज समर्थकों ने कलेक्ट्री पर किया प्रदर्शन
चित्तौडगढ 21 अक्टूबर (विवेक वैश्णव),
भारतीय जनता पार्टी की ओर से षनिवार को घोशित की गई 83 प्रत्याशियों की सूची में निवर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या का टिकिट कटने से उनके समर्थकों में मायूसी छा गई तथा उन्होने कलेक्ट्री चौराहे पर एकत्रित होकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी भी की।
निवर्तमान विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या को षनिवार को जारी सूची में चित्तौड़गढ़ से टिकिट नही मिलने तथा यहां से नरपतसिंह राजवी को टिकिट मिलने पर आक्या समर्थक मायूस हो गये तथा दोपहर बाद कलेक्ट्री पर जमा होकर विरोध प्रारंभ कर दिया। आक्या समर्थकों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा यहां तक आरोप लगाये कि जोशी व्यक्तिगत हित के चलते पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे है। सैकड़ों की संख्या में समर्थकों ने लगभग दो घण्टे तक कलेक्ट्री चौराहे पर प्रदर्शन किया।