राजस्थान में ‘बिपरजॉय’ अब कहर बरपाने लगा है। चक्रवाती तूफान के असर से शनिवार सुबह से ही बाड़मेर, माउंट आबू, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर और नागौर में मूसलाधार बारिश हो रही है। 50 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। बिपरजॉय 17KM प्रति घंटा की स्पीड से जोधपुर-पाली की तरफ आगे बढ़ रहा है।
बाड़मेर में बाढ़ के हालात बन गए हैं। यहां NDRF की टीम बुलाई गई है। उधर, खराब मौसम के चलते पाली के जैतारण थाना क्षेत्र में 11KV बिजली लाइन का तार गिरने से बंजाकुडी गांव की 16 साल की पूजा कुमावत की मौत हो गई। इस हादसे में एक बछड़ी भी करंट से झुलसकर मर गई।
शुक्रवार शाम को बाड़मेर और जालोर के बाद सीकर, जैसलमेर और अलवर में भी बारिश का दौर शुरू हो गया। सीकर के खंडेला में करीब 1 घंटे तक बारिश हुई।
पिछले 24 घंटे के दौरान जालोर, सिरोही और रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। माउंट आबू में रिकॉर्ड 8.4 इंच पानी बरसा। मौसम केंद्र जयपुर ने सिरोही और जालोर में भी बाढ़ के हालात की आशंका जताई है। जयपुर में भी सुबह से बादल छाए हैं। इस बीच शाम को हल्की बारिश भी शुरू हो गई।
मौसम विभाग ने बाड़मेर, जालोर, सिरोही और पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। रेलवे ने बाड़मेर से होकर गुजरने वाली 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसी तरह उदयपुर से दिल्ली और मुंबई जाने वाली दो फ्लाइट भी कैंसिल की गई हैं। पाकिस्तान बॉर्डर से सटे बाड़मेर के 5 गांवों (बाखासर, सेड़वा चौहटन, रामसर, धोरीमना) के पांच हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
बाड़मेर में शाम होते-होते हालात बिगड़ने लगे। शाम करीब 6 बजे बाद चौहटन और आस-पास इलाकों में बारिश रुकी। यहां के लोगों का कहना था कि बारिश से घरों में करीब 4 से 5 फीट पानी भर गया है। हालात ये है कि लोग घरों में कैद है। मौसम की वजह से बिजली सप्लाई भी बंद पड़ी है।
वहीं देर शाम के बाद जैसलमेर जिले के चांधन समेत गांवों में भी बारिश का दौर शुरू हो गया है। बारिश की वजह से जिले के ग्राम पंचायत रेवड़ी के संग्राम की ढाणी में एक कच्चा मकान गिरने से 7 बकरियां मर गई। ग्रामीणों की मदद से इन सभी को बाहर निकाला गया।
बिपरजॉय तूफान के कारण आज दोपहर आबू रोड से अजमेर रेलवे ट्रैक पर आबू रोड और मोरथला के बीच एक विशाल पेड़ टूटकर गिर गया। सूचना मिलते ही रेलवे ने ट्रेनों का संचालन तुरंत रोक दिया। रेलवे की सुरक्षा टीम मौके पर पहुंची और ट्रैक से पेड़ हटाने का कार्य शुरू किया। वहीं, बिजली विभाग ने टूटे तारों को जोड़ने का कार्य शुरू किया। एक ट्रैक बाधित होने से ट्रेनों का दूसरे ट्रैक से संचालन किया गया। स्टेशन अधीक्षक जाटव ने बताया कि हरिद्वार मेल, जम्मूतवी ट्रेन को 30 मिनट देरी से रवाना किया गया। पेड़ हटा दिया गया है। बिजली के तारों को जोड़ने का कार्य जारी है।