भानपुर कलां में सरसों-चना फसलों की बुआई में जुटे किसान

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भानपुर कलां, 9 अक्टूबर कस्बा में इनदिनों किसान ने सरसों-चना फसलों की बुआई कार्य में जुट गए। वही कई किसान क्षेत्र में दिन के समय पड़ रही तेज धूप के कारण फसलों की बुआई में देरी कर रहे है। किसान सुनील पंचोली ने बताया कि क्षेत्र में दिनोंदिन गहराते भूमिगत जलस्तर के चलते सर्वाधिक क्षेत्र असिंचित होने के कारण सरसों-चना की फसलों की बुआई की जाती है। किसानों ने इसके लिए भूमि की तैयारी के बाद सरसों व चना फसलों की बुआई कार्य शुरू कर दिया है। हालांकि दिन के तापमान में तेजी के चलते कई किसान अभी भी फसल बुआई के लिए तापमान गिरने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तेज धूप से बीजों का अंकुरण होने में कठिनाई होती है। अंकुरण के लिए ठंडी जलवायु होने की आवश्यकता है। कृषि पर्यवेक्षक नन्दलाल शर्मा ने बताया कि सरसों-चना बुवाई का उपयुक्त समय 25 सितम्बर से 15 अक्टूबर एवं गेंहूँ व जो फसलों का उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक होता है।

फसलों की उन्नत किस्में

कृषि पर्यवेक्षक शर्मा ने बताया कि सरसों की उन्नत किस्मों में गिरिराज, लक्ष्मी, चना की उन्नत किस्में आरएसजी 44, आरएसजी 888, गेंहू के लिए उन्नत किस्में जिसमें राज 1482, राज 3077, राज 3765, राज 4238, इसी प्रकार जौ के लिए उन्नत किस्में, आरडी 2052, आरडी 2508, आरडी 2035 है। सरसों के लिए बीजदर 4-5 किलो प्रति हैक्टेयर, चना 60-80 किलो प्रति हैक्टेयर, गेंहू व जो की बीजदर 100 से 125 किलो प्रति हेक्टेयर काम में लेवें।

बीजोपचार एवं उर्वरक की मात्रा

सहायक कृषि अधिकारी लोकेश कुमार शर्मा ने बताया कि बीजोपचार के लिए 3 ग्राम थाइरम प्रति किलो बीज 5 एमएल फिप्रोनिल 5 एससी प्रति किलो बीज। अंत में एजोटोबैक्टर जीवाणु खाद से उपचारित करे। इसके बाद बीज को छाया में सुखाकर बुवाई कर दे। उर्वरक सामान्यतः 20 किलो फास्फोरस, 90 किलो नाईट्रोजन प्रति हेक्टेयर काम में लेवें। फास्फोरस की पूरी मात्रा व नाईट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय खेत में उराई कर देवें। शेष नाइट्रोजन खड़ी फसल में छिड़काव के काम में लेवें।

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