भागवत कथा के समापन में उमड़े श्रद्धालु अंतिम दिन सुनाया सुदामा चरित्र का प्रसंग

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जोधपुर। श्री सूर्यनारायण मंदिर विकास समिति के तत्वावधान में डाली बाई चौराहा स्थित श्री सूर्यनारायण मंदिर प्रांगण में चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन संत रामप्रसाद महाराज ने सुदामा चरित्र, द्वारकाधीश, परीक्षित आदि के बारे में विस्तार से कथा के माध्यम से बताया।
समिति सदस्य भंवरलाल बाहेती ने बताया कि श्री सूर्यनारायण मंदिर विकास समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय भागवत कथा के समापन पर पंाडाल व बाहर तक लगी भारी भीड़ के साथ छप्पन भोग की आरती कर प्रसादी का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि संत रामप्रसाद महाराज ने कथा में सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि ऐसी मित्रता निभाने वाले केवल भगवान है। उन्होंने द्वारकाधीश का वर्णन, परीक्षित का मोक्ष आदि का वर्णन करते हुए विस्तार से जानकारी दी। भागवत कथा की पूजा जयसिंह परिहार व राणाराम परिहार ने सपत्नीक कर तथा संत रामप्रसाद महाराज का तिलक व माल्यार्पण कर स्वागत किया।
समापन की पूर्णारती से पूर्व संतों को प्रसादी ग्रहण करवाई गई।

कथा में आए भक्त घर से अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाकर लाए तथा वही प्रसादी सभी संतों व भक्तजनों को वितरित की गई। इस अवसर पर मंदिर के हेमाराम सांखला, कालूराम गहलोत, रामकिशोर लोहिया, अशोक पंवार, जगदीश सांखला, नारायण गुप्ता, उदाराम, ढलाराम सियाग, कालूराम कड़वासरा, महेश, नरसिंह, उम्मेदाराम, आनंदाराम, मोहनराम आदि का विशेष सहयोग रहा।

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