कथा में कृष्ण-रुक्मणी विवाह का वर्णन
कोटपूतली, 22 सितंबर : शहर के अग्रसेन भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान सप्ताह के छठे दिन शुक्रवार को श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह व महारास लीला का वर्णन किया गया। वृन्दावन धाम के कथावाचक पं.अरुण कृष्ण शास्त्री ने महारास लीला व रुक्मणी विवाह आदि की कथा का मधुर वर्णन किया। इस दौरान गाजे-बाजे के साथ भगवान कृष्ण की बारात भी निकाली गई। हृदय स्पर्शी इस प्रसंग के दौरान कथा वाचक ने कहा कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की।
भगवान ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। इसके लिए उन्होंने रास का आयोजन किया। वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सब राजाओं को जीत लिया और विदर्भ राजकुमारी रुक्मिणी जी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। इस मौके पर रमेश किताब वाले, राधेश्याम बंसल, सुरेश चौधरी, दशरथ गुप्ता, अमरनाथ बंसल, बजरंग शरण, घनश्याम बंसल, किशन शरण, भारत बंसल, विनीत बंसल, ओमप्रकाश, लक्ष्मीनारायण, सीताराम अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। रमेश किताब वाले ने बताया कि शनिवार को कथा का समापन व रविवार को हवन-यज्ञ किया जाएगा।