भागवत कथा में सुनाया श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का प्रसंग, विवाह की झांकी सजाई, मंगल गीतों पर झूमी महिलाएं

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जोधपुर। महंत राजाराम महाराज के तृतीय वार्षिक बरसी महोत्सव के उपलक्ष्य में नागोरी गेट के बाहर राममोहल्ला रामद्वारा में हेम सत्संग वाटिका में चल रही भागवत कथा में राममौहल्ला रामद्वारा, मायला रामद्वारा और सूरत रामद्वारा के महंत कथा व्यास रामस्नेही हनुमानदास महाराज ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया।
महाराज ने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए।

गोपी उद्धव संवाद एवं श्रीकृष्ण-रुकमणी विवाह प्रसंग के दौरान मंगल गीतों की प्रस्तुति पर भक्त झूमते हुए भक्ति में सराबोर नजर आए। साथ ही मनोरम झांकियों ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। रामद्वारा के प्रवक्ता संत सीताराम महाराज ने बताया कि रामस्नेही संप्रदाय सींथल पीठाचार्य क्षमाराम महाराज एवं रामस्नेही संप्रदाय खेड़ापा पीठाचार्य पुरुषोत्तम दास महाराज के सान्निध्य में सुदामा चरित्र प्रसंग के साथ कथा की पूर्णारती और बरसी महोत्सव पर संत समागम के साथ अनेक आयोजन होंगे।

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