भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा। कई लोगों को यह पसंद नहीं लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
-प्रदेश में अराजकता का माहौल तो फिर हमें आवाज बुलंद करनी होगी
-एक दर्जन से अधिक मंत्री-विधायकों के साथ गहलोत के खिलाफ खोला मोर्चा
-महिला खिलाडिय़ों को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
जयपुर/बाड़मेर: सीएम अशोक गहलोत के गढ़ में शनिवार को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर अपनी ही प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सीएम का नाम लिए बिना कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, लूटपाट एवं अराजकता का माहौल है और उसको लेकर हमें अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सीनियर्स पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की लेकिन कई लोगों को यह पसंद नहीं आई। बावजूद मुझे इसकी परवाह नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा। इस दौरान पायलट के साथ एक दर्जन से अधिक मंत्री व विधायकों का जत्था मौजूद था।
कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी के बेटे स्व. डा. वीरेंद्र चौधरी की याद में बनाए गए वीरेंद्रधाम होस्टल एवं उनकी प्रतिमा के अनावरण अवसर पर पायलट ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह खोखला कर रहा है। इसके चलते इमानदार,सादगी एवं अच्छे आचरण व साफ छवि के लोगों को राजनीति में आगे आना चाहिए। जब यह आगे आएंगे तभी राजनीति साफ होगी। पायलट ने कहा कि मेरे स्व. पिता राजेश पायलट कहते थे कि जिस दिन फैसला करने वाली कुर्सियों पर गरीब किसान के बच्चे होंगे, उस दिन सब ठीक हो जाएगा और अपने आप काम होने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हरीश चौधरी की बात का समर्थन करता हूं। हमें अपने संवैधानिक अधिकार लेने के लिए आग्रह क्यों करना पड़ता है? क्योंकि उन कुर्सियों पर वे लोग नहीं बैठे जो ग्रामीण क्षेत्र और किसान का दर्द समझते हों। पायलट ने मंत्री हेमाराम चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि वह इतने पदों पर रहे लेकिन उनके दामन पर कोई दाग नहीं लगा। आज भी उनका कुर्ता सफेद है। वह जो बोल देते हैं मैं वहीं करता हूं। मैं सभी के सुझाव सुनता हूं और इसके बाद हेमाराम से संपर्क कर चर्चा करता हूं।
पेपरलीक माफियाओं पर कार्रवाई करने में क्यों होती है देरी
पेपरलीक पर पायलट ने कहा कि बच्चे सालों मेहनत करते हैं, माता-पिता अपना पेट काटकर पढ़ाते हैं, बच्चे परीक्षा देते हैं और पेपरलीक हो जाता है। आखिकार पेपरलीक माफियाअेां पर कार्रवाई करने में इतनी देरी क्यों लगती है। न्याय दिलाने में इतनी पीड़ा क्यों होती है। कारण जो सीट पर बैठे हैं उन्हें धरातल का पता नहीं, जिनको दस-पंद्रह हजार की कीमत पता हो वही कार्रवाई करेगा और पेपरलीक रोकने को लेकर उचित कदम उठाएगा।
पहलवानों के धरने को लेकर केंद्र पर निशाना
पायलट ने जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के मुद्दे को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हमारी बच्चियां दिल्ली में कितने दिनों से धरने पर बैठी हैं। वो न्याय मांग रही हैं। क्या हमें इसका दुख नहीं होता। क्यों हमें न्याय मांगना पड़ रहा है, कार्रवाई करने में इतना समय क्यों लग रहा है।