शिकायतकर्ता खुद ही दलाल, मुझे दी जाए जमानत

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जयपुर, 4 सितंबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत लेकर पट्टे जारी करने से जुडे मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की जमानत अर्जी पर एसीबी से एक सप्ताह में केस डायरी पेश करने को कहा है। जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश सुशील गुर्जर की जमानत याचिका पर दिए।
जमानत याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया की मामले में शिकायतकर्ता का खुद के भूखंड का कोई पट्टा नहीं है। वह तो रुपए लेकर दूसरे लोगों को पट्टा दिलाने का काम करता है। शिकायतकर्ता खुद ही भ्रष्टाचार फैला रहा है। इसके अलावा टेलीफोनिक ट्रांसक्रिप्ट में याचिकाकर्ता का नाम नहीं है और जिन लोगों के भूखंडों के पट्टों की फाइलें थी, उनमें से किसी ने कोई शिकायत नहीं दर्ज नहीं कराई है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने न तो किसी से रिश्वत की मांग की है और ना ही उससे किसी तरह की रिश्वत राशि बरामद हुई है। यह पूरा प्रकरण राजनीति द्वेषता से प्रेरित है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए।

जिसका राज्य सरकार की ओर से विरोध किया गया। वहीं अदालत ने अभियोजन पक्ष को कहा है कि वह एक सप्ताह में प्रकरण की केस डायरी पेश करे। गौरतलब है कि एसीबी ने गत दिनों मेयर मुनेश गुर्जर के घर रेड डाली थी। एसीबी का आरोप है कि सुशील गुर्जर ने दो लाख रुपए प्रति पट्टा रिश्वत लेकर पट्टे जारी कराने की रिश्वत ली है। एसीबी ने सुशील गुर्जर के साथ ही प्रकरण में शामिल दो दलालों को भी गिरफ्तार किया था। वहीं दूसरी ओर इसी दिन राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को मेयर पद से निलंबित कर दिया था, हालांकि हाईकोर्ट ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने भी निलंबन आदेश वापस ले लिया था।

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