गौहर चिश्ती की जमानत याचिका खारिज

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जयपुर, 26 अप्रैल। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर दरगाह के बाहर नारेबाजी करने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल कर सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी गौहर चिश्ती को जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश दिए।

जमानत याचिका में आरोपी चिश्ती की ओर से कहा गया कि मामले के अन्य आरोपियों की जमानत हो चुकी है और उसके स्लोगन से कुछ नहीं हुआ था। इसलिए उसे जमानत दी जाए। इसके विरोध में एएजी घनश्याम सिंह ने कहा कि चिश्ती ने ही विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड को उकसाया था और सोशल मीडिया पर भडकाऊ पोस्ट भेजी थी। आरोपी को जमानत देने पर वह गवाहों को प्रभावित करेगा और इससे साम्प्रदायिक सौहार्द के बिगडने की भी पूरी संभावना है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। गौरतलब है कि गौहर चिश्ती पर आरोप है कि उसने 17 जून को अजमेर दरगाह के बाहर सिर कलम करने के नारे लगाए थे और उसके भाषण का वीडियो वायरल हो गया। इसके चलते ही उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल व महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की जघन्य हत्या हुई। पुलिस ने चिश्ती के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 504, 188, 149, 143, 117 व 115 सपठित 302 के तहत मामला दर्ज किया था।
हत्यारे को जमानत नहीं- वहीं हाईकोर्ट ने शहर के वैशाली नगर इलाके में 26 अगस्त 2021 को एनएचएआई कंसल्टेंट कंपनी के एडवाइजर इंजीनियर राजिंदर कुमार चावला की हत्या के आरोपी करणदीप श्योराण की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस नरेन्द्र सिंह ढड्ढा ने यह आदेश दिए। जमानत याचिका में आरोपी ने कहा कि वह लंबे समय से जेल में है। मामले में अभियोजन के 65 गवाह हैं जिनमें से 29 गवाहों के ही बयान दर्ज हुए हैं। मामले की ट्रायल में समय लगेगा। इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए।

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