सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि मेरे लिए पद अब कोई बड़ी बात नहीं है। मैं अंतिम सांस तक अपने अनुभव का लाभ जनता को देते हुए आपकी सेवा करना चाहता हूं। मैं चाहता हूं मेरी जिंदगी का एक-एक पल राजस्थान की सेवा में निकले। मैं किस प्रकार अंतिम सांस तक अपने अनुभव का लाभ दूं।
गहलोत ने कहा- मैं तीन बार मुख्यमंत्री बना तो मेरा अपना अनुभव भी है। 50 साल पहले मैंने एनएसयूआई अध्यक्ष बना था,तब से राजनीति शुरू की थी। अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता है। आपके आशीर्वाद से मुझे अनुभव प्राप्त हुआ,उस अनुभव को मैं आपकी सेवा में लगा रहा हूं। गहलोत ब्यावर और दौसा में ग्रामीण और शहरी ओलंपिक के जिला स्तरीय कार्यक्रमों में बोल रहे थे।
हारने के बावजूद हम काम करते रहे
गहलोत ने कहा- 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बना तो उस समय भेरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे, वे 32 पर आ गए और हम लोग 156 सीट जीत गए। सोनिया गांधी ने मुझे मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया। मैं तीन बार मुख्यमंत्री बना हूं। सोनिया गांधी,राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने मुझ पर विश्वास किया। हम लोग दो बार चुनाव हार भी गए। अंतिम फैसला जनता का ही होता है। हारने के बाद भी हमने कभी काम करने की इच्छा शक्ति कम नहीं की। हारने के बावजूद भी जिस भी पद पर रहे तो काम करते रहे। 2013 मेंहार गए तो पिछली बार आपने फिर आशीर्वाद दिया।
हमारी योजनाओं से भारत सरकार चिंतित, केंद्र दे 500 रुपए में सिलेंडर
गहलोत ने कहा- हमारी योजनाओं को लेकर भारत सरकार चिंतित हो गई है। भारत सरकार न ओल्ड पेंशन पर फैसला कर पा रही है न 25 लाख का बीमा कर पा रही है। हमने 500 रुपए में उज्ज्वला योजना का गैस सिलेंडर देना शुरू किया। भारत सरकार ने सिलेंडर के दाम 200 रुपए कम किए। मैं प्रधानमंत्री जी से मांग करता हूं कि अगर राज्य सरकार 500 में गैस सिलेंडर दे सकती है तो केंद्र सरकार क्यों नहीं दे सकती? उज्ज्वला योजना अपने शुरू कीतब 400 में सिलेंडर था उसे बढ़ाते बढ़ाते 11350 तक ले गए। अगर हम 500 में सिलेंडर कर सकते हैं तो केंद्र सरकार क्यों नहीं कर सकती। भारत सरकार को आगे आकर पूरे देश में गरीबों को 500 रुपए में गैस सिलेंडर देना चाहिए।
अगली बार सरकार आई तो और जिले बनाएंगे
सीएम अशोक गहलोत ने दूदू में कहा कि छोटे जिले बनाने का प्रयोग सफल रहा है। दूदू सबसे छोटा जिला बना है। आगे कांग्रेस की सरकार बनाइए, हमारी सरकार आने पर राजस्थान में और जिले बन सकते हैं, हम छोटे जिले बनाएंगे। जहां जहां भी संभावनाएं हैं और जिला मुख्यालयों की दूरी ज्यादा है वहां हम चाहेंगे कि छोटे जिले बनाएं।
एसीएस फाइनेंस को दोड़ किसी को नहीं थी 19 जिले बनाने की जानकारी
गहलोत ने कहा- राजस्थान में एसीएस फाइनेंस को छोड़कर किसी अफसर को यह जानकारी तक नहीं थी कि राजस्थान में 19 नए जिले बनेंगे। दूद, ब्यावर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही थ। मैंने दूदू, ब्यावर को जिला बनवाने के हिलए अफसरों और रामलुभाया कमेटी को कन्वींन्स किया। बड़े जिले होने की वजह से लोगों को सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। छोटे जिले होने से जिला मुख्यालय जाकर आम आदमी कम समय से अपने सरकारी काम कर सकता है। छोटे जिलों से लोगों को राहत मिलती है। हमारा यह प्रयोग सफल रहा है, इसे हम आगे बढ़ाएंगे।