जयपुर, 19 अक्टूबर (विशेष संवाददाता) : भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में अग्रणी राजस्थान पिछले पांच वर्षों में पिछडक़र देश के कई राज्यों से पीछे चला गया है। अब तो स्थिति यह बन रही है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों के पास कर्मचारियों की तनख्वाह के लाले पड़ रहे हैं। वहीं कमजोर मैनेजमेंट के कारण इसी सीजन मे तीसरी बार बिजली कटौती के हालात पैदा हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बिजली को लेकर चले लचर प्रबंधन के कारण बिजली वितरण कंपनियों का कर्ज भी 1.10 लाख करोड़ से अधिक हो गया है और इन कंपनियों को ऋण पर ब्याज चुकाने के लिए भी ऋण लेना पड़ रहा है।
चतुर्वेदी ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान अगस्त में बारिश थम जाने के बाद राज्य सरकार किसानों को बिजली देने में विफल साबित हुई। इसके कारण समय पर सिंचाई नहीं हो पाने से किसानों की हजारों बीघा पर खड़ी फसलें तबाह हो गई। बिजली प्रबंधन फेल हो जाने के कारण उद्योगों पर कटौती के आदेश जारी किए गए हैं। बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के स्थान पर मुख्यमंत्री और उर्जा मंत्री बिजली की खरीद को ज्यादा तवज्जो देते हैं जिसके कारण बार-बार बिजली की कमी पैदा की जा रही है।
2023-10-20