उदयपुर, 19 मई(ब्यूरो)। कला शिक्षक पदों पर भर्ती की मांग को लेकर कला शिक्षक अभ्यर्थियों का रोचक विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को उदयपुर में देखने को मिला। राजस्थान बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थी संगठन के बैनर तले कला शिक्षक अपने हाथों में ढोल, मंजीरे और हारमोनियम बजाते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पहुंचे। यहां राजस्थानी गीत गाते प्रशासन का ध्यान अपनी मांग की ओर आकर्षित करने की कोशिश की।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सतवीर सिंह का कहना है कि वर्ष 1992 से सरकारी स्कूलों में कला शिक्षा विषय संचालित है और हर स्कूल में एक कला शिक्षक होना चाहिए। इसको लेकर राज्य सरकार ने इस साल राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण से रिपोर्ट मांगी थी।
पंद्रह दिन में मांगी थी रिपोर्ट, दो माह भी नहीं मिली
राजस्थान में कला शिक्षा के निर्धारित पद और इनकी आवश्यकता के बारे में रिपोर्ट देनी थी। यह रिपोर्ट सरकार को 15 दिन में दी जानी थी, लेकिन 2 माह बीतने के बावजूद अभी तक रिपोर्ट सरकार को सौंपी नहीं गई। जबकि राज्य सरकार स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद ही यह कमेटी गठित की गई थी। सतवीर सिंह का कहना है कि स्कूलों में जिस तरह से कई बार बाल अपराध देखने को मिलते हैं, वहां कला विषय का शिक्षक होता है तो बच्चों की अनूठी प्रतिभा निखर पाएगी। वे चित्रकला और संगीत के माध्यम से किसी भी तरह के अवसाद से उभर पाएंगे।