बारां,24 अप्रेल । बारां जिले के वनाच्छित क्षेत्र शाहाबाद तथा रामगढ़ के बाद अब राज्य सरकार के वन मंत्रालय ने जिले के सोरसन क्षेत्र को भी कंजर्वेशन रिजर्व क्षेत्र घोषित कर दिया है। वन मंत्री ने अंता के सोरसन वन क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने का यह तोहफा दिया है।
उधर, चम्बल संसद (जल बिरादरी )कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी, बाघ-चीता मित्रों ने बारां जिले के सोरसन वन क्षैत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने का स्वागत किया है। कहा कि राज्य सरकार को अपने बजट घोषणा का पालन करते हुए गोडावण ब्रीडिंग सेंटर शीघ्र बनाया जाना चाहिए तथा सोरसन को वन्यजीव अभ्यारण्य भी घोषित किया जाए। यहां पर प्रसिद्ध ब्रह्माणी माता का मंदिर है जो लोगों की आस्था का केंद्र है। बताया गया है कि ब्रह्माणी माता अभयारण्य के नाम से ही समिति का गठन 1992 में किया गया था। सोरसन अभ्यारण्य से गोडावण और काले हरिणों तथा प्रवासी पक्षियों को प्रभावी संरक्षण मिलेगा। बारां ही नहीं संपूर्ण हाडौती का पर्यटन विकास होगा।
चम्बल संसद के समन्वयक बृजेश विजयवर्गीय, अध्यक्ष कुंजबिहारी नंदवाना ने कहा कि राज्य सरकार एवं वन मंत्री ने वन्यजीव प्रेमियों की भावना का सम्मान किया है। लेकिन कंजर्वेशन के स्थान पर सोरसन को अभ्यारण्य का दर्जा दिया जाना बेहतर होगा।
बता दें कि गत दिनों वन्यजीव प्रेमियों ने बारां जिले के सोरसन वन क्षैत्र के अमलसरा में ग्रामीणों से चौपाल कार्यक्रम में संवाद किया जिसमें ग्राम वासियों की तरफ से सोरसन को अभ्यारण्य बनाए जाने की मांग मुखर की थी। वन्यजीव प्रेमी एवं हमलोग संस्था के संयोजक डॉ सुधीर गुप्ता की अगुवाई में अमलसरा पंचायत परिसर में आयोजित बैठक में गोडावण के पुनर्वास के लिए बजट में घोषित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर को अमली जामा पहनाए जाने की मांग दोहराई गई थी।