भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर जानेंगे अंबेडकर और उनकी दूसरी पत्नी सविता से जुड़े किस्से और बाबा साहेब की जिंदगी के कुछ ऐसे ही अनछुए पहलुओं को…
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू जिले में एक महार परिवार में हुआ था। महार जाति को उस समय अछूत समझा जाता था। बाबा साहेब के पिता सेना में थे और नौकरी के सिलसिले में यहां रहा करते थे। उनके पुरखे महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव से थे।
1906 में भीमराव अंबेडकर की पहली शादी रमाबाई से हुई। रमाबाई ने उनकी पढ़ाई में बहुत मदद की। दोनों के 5 बच्चे थे, इनमें से केवल यशवंत अंबेडकर जीवित रहे। 27 मई 1935 को लंबी बीमारी के बाद रमाबाई की मौत हो गई।
प्रोग्रेसिव सोच वाले ब्राह्मण परिवार में जन्मीं थीं दूसरी पत्नी सविता
27 जनवरी 1909 को जन्मीं शारदा (भीमराव से शादी के बाद सविता अंबेडकर बनीं) एक मध्यमवर्गीय सारस्वत ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता इंडियन मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार थे। शारदा ने 1937 में मुंबई से MBBS की डिग्री हासिल की। उस समय किसी लड़की का डॉक्टर बनना अचरज की बात थी।
डॉ. सविता अपनी आत्मकथा में लिखती हैं कि मेरा परिवार पढ़ा-लिखा और आधुनिक था। उनके 8 में से 6 भाई-बहनों ने अपनी जाति के बाहर शादी की, लेकिन उनके माता-पिता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।