जोधपुर। इस बार अक्षय तृतीया दो दिन मनाई जाएगी। वैशाख शुक्ल पक्ष में पूर्वान्ह व्यापिनी तृतीया में ही अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस बार पूर्वान्ह व्यापिनी तृतीया दो दिन है। हालांकि राजस्थान में अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल द्वितीया युक्त तृतीया पर 22 अप्रेल को मनाई जाएगी। पांच साल बाद इस दिन कृतिका नक्षत्र में अक्षय तृतीया आ रही है, साथ ही 6 विशेष शुभ संयोग रहेंगे, जो फलदायक होंगे।
इस बार शनिवार को सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर द्वितीया तिथि समाप्त होने के बाद तृतीया तिथि शुरू होगी, जो 23 अप्रेल को सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस बार पूर्वान्ह व्यापिनी तृतीया दो दिन है। ज्योतिषियों ने बताया कि पूर्वान्ह व्यापिनी तृतीया में ही अक्षय तृतीया मनाई जाती है। शास्त्रों में उल्लेख है कि पूर्वान्ह व्यापिनी तृतीया दो दिन हो तो दूसरे दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है, लेकिन दूसरे दिन तृतीया तीन मुहूर्ती (दो घंटा 24 मिनट) होना आवश्यक है। यदि इससे कम हो तो पहले दिन पूर्वान्ह व्यापिनी तृतीया में ही ये पर्व मनाया जाता है। राजस्थान में त्रिमुहूर्ती तृतीया 23 अप्रेल को नहीं मिलने के कारण यहां 22 अप्रेल को ही अक्षय तृतीया मनाया जाना शास्त्र सम्मत है। राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात सहित पश्चिमी—दक्षिणी भारत में 22 अप्रेल को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। वहीं पूर्वी झाडख़ंड, पूर्वी उड़ीसा, पूर्वी बिहार, पश्चिमी बंगाल व असम आदि पूर्वोत्तर राज्यों में तृतीया अगले दिन पूर्वान्ह व्यापिनी होकर त्रिमुहूर्त होने से अक्षय तृतीया 23 अप्रेल को मनाई जाएगी।
ये रहेंगे शुभ संयोग
इस बार 5 साल बाद अक्षय तृतीया पर कृतिका नक्षत्र आ रहा है। अक्षय तृतीया यदि कृतिका नक्षत्र से युक्त हो तो विशेष फलदायिनी होती है, इस बार संयोग से 22 अप्रेल को कृतिका नक्षत्र दिनभर रहेगा। कृतिका नक्षत्र आज रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 22 अप्रेल को रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इससे पहले अक्षय तृतीया पर कृतिका नक्षत्र 2018 में आया था। इस बार अक्षय तृतीया पर आयुष्मान योग, सौभाग्य योग, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग और रवि योग का विशेष संयोग रहेगा।
धणी का आयोजन आज
अकाल-सुकाल और देश-दुनिया की स्थिति का आंकलन करने के लिए शनिवार को बाईजी का तालाब स्थित घांचियों की बगेची में धणी का आयोजन किया जाएगा। सोजतिया बास घांची समाज विकास समिति के अध्यक्ष नैनुराम राठौड़ व सचिव राजेश बोराणा की देखरेख में हुई बैठक में सर्वसम्मति से अक्षय तृतीया पर दोपहर दो बजे अनुष्ठान से साथ धणी का शुभारंभ यज्ञ के साथ किया जाएगा जिसमें संकेतों के आधार पर मारवाड़ के मानूसन और प्रदेश व देश की राजनीतिक स्थितियों पर भविष्वाणियां बताई जाएगी। समिति के कोषाध्यक्ष घनश्याम परिहार ने बताया कि घांची समाज द्वारा धणी कार्यक्रम में मिट्टी से बनी चैकियों पर पवित्र स्नान के बाद दो बालकों के हाथों में लकड़ी की दो खपचियां देकर खड़ा किया जाता है जिसमें एक खपची पर काली और दूसरी लाल निशान अंकित होते है जिसमें काल और सुकाल की घोषणा की जाती है।