जयपुर, 15 अप्रैल (ब्यूरो): पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम.2 महानगर प्रथम ने पुलिस की गिरफ्तारी का डर दिखाकर महिला पक्षकार से दुष्कर्म करने वाले वकील नवल कुमार मीणा को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त वकील पर पचास हजार पांच सौ रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त वकील ने हाईकोर्ट में पीडि़ता के पक्ष में मुकदमा लड़ कर उसे पुलिस सुरक्षा दिलाई, लेकिन उस आदेश को छिपाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। ऐसे में वकील के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने बताया कि पीडि़ता ने अंतरजातीय विवाह किया था। इसके बाद पीडि़ता और उसके पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा मांगी थी। यह याचिका अभियुक्त वकील के जरिए पेश हुई थी। वहीं अभियुक्त ने हाईकोर्ट की ओर से सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश को छिपा लिया और पीडि़ता को गिरफ्तारी का भय दिखाया। इस दौरान अभियुक्त वकील ने पीडि़ता के पति को भेजते हुए पीडि़ता को अपने साथ रख लिया। वहीं 14 जुलाई 2019 से लेकर 23 जुलाई तक अभियुक्त वकील ने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद 27 जुलाई को पीडि़ता ने शहर के प्रताप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।
वहीं अभियुक्त वकील की ओर से कहा गया कि उसका शिकायतकर्ता युवती के साथ फीस का विवाद हो गया था। ऐसे में उसने बदले की भावना के चलते मामला दर्ज कराया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत में अभियुक्त को सजा सुनाई है।