डकैती के आरोपियों को सात वर्ष के कठोर कारावास 11 साल पहले हुई की वारदात

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शाहपुरा,(भीलवाड़ा), 5 अप्रेल (ब्यूरो):
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शाहपुरा सुनील कुमार ओझा ने जहाजपुर में 11साल पहले हुई डकैती के मामले में अभियुक्तगण करण सिंह उर्फ सद्दाम, महेंद्र सिंह, प्रदीप शर्मा उर्फ लंगड़ा को सात वर्ष के कठोर कारावास और बीस हजार रुपए के जुर्माने तथा अभियुक्त राजेंद्र कुमार लोढ़ा को पांच वर्ष के कठोर कारावास और पचास हजार के अर्थदंड की सज़ा सुनाई।
अपरलोक अभियोजक हितेष शर्मा ने बताया कि उक्त प्रकरण में तथ्यों के अनुसार परिवादी श्यामलाल सोनी निवासी जहाजपुर द्वारा जीवनसिंह थानाधिकारी पुलिस थाना जहाजपुर को एक पर्चा बयान इस आशय का दर्ज कराया कि वह हर रोज की भांति दिनांक 9 जनवरी 2012 को साढे आठ बजे के लगभग अपनी दुकान गीतांजलि ज्वेलर्स को बंद करके घर रवाना हो रहा था, खुद की दुकान के जेवरात का काले रंग और भूरे रंग के बैग में 450ग्राम सोने के जेवरात और 20-25 किलो चांदी के जेवरात एवं दो लाख रुपए रोकड़ रखे हुए थे। अचानक दो मोटरसाइकिल वाले पास से गुजरे उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल दुकान के आगे खड़ी करके उतर कर उसके पास आए उसके पीछे से सिर पर एक डंडे से वार किया। जिससे वह नीचे गिर गया और वो दोनों जेवरात और रुपयों से भरे बैग को लेकर मोटरसाइकिल पर बैठकर मौके से भाग गए इत्यादि ।

जिस पर पुलिस थाना जहाजपुर द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। बाद अनुसंधान अभियुक्तगणों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक हितेष शर्मा ने पैरवी की।
प्रकरण में अभियोजन पक्ष द्वारा 35 साक्षी परीक्षित करवाए गए एवं पत्रवाली में पेश 88 दस्तावेजों पर प्रदश अंकित कराए गए , इसके आधार पर माननीय न्यायाधीश सुनील कुमार ओझा ने अभियोजन पक्ष से सहमत होते हुए अभियुक्त गण करणसिंह उर्फ सद्दाम निवासी विजयनगर, महेंद्र सिंह एवं प्रदीप शर्मा उर्फ लंगड़ा निवासी गुलाबपुरा को डकैती के लिए धारा अंतर्गत 395, 397 और 120क के तहत भारतीय दंड संहिता के आरोपी मानते हुए अभियुक्त गणों को दोषी करार देते हुए अलग अलग धाराओं में प्रत्येक को सात सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा व प्रत्येक पर बीस हजार रुपए के अर्थ दंड के आदेश दिए और अभियक्त राजेंद्र कुमार लोढ़ा निवासी विजयनगर को धारा अंतर्गत 412 भारतीय दंड संहिता के दोषसिद्ध आरोप में पांच वर्ष के कठोर कारावास और पचास हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।

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