नेपाल के कई नंबरों पर की थी बातचीत, अब परिजनों की तलाश में पुलिस
जोधपुर। करीब साठ साल की बुजुर्ग महिला की हत्या कर चेहरा नोंचकर खाने वाला आदमखोर नेपाल का रहने वाला था। पुलिस ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली है। सामने आया कि उसने नेपाल के कई नंबरों पर बातचीत की थी।
मामले के अनुसार 26 मई को सेंदड़ा थाना क्षेत्र के सराधना गांव निवासी 60 साल की शांतिदेवी काठात की निर्मम हत्या कर उसका चेहरा नोंचकर सुरेन्द्र ने खा लिया था। इलाज के दौरान उसकी जोधपुर में मौत हो गई थी। पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली तो सामने आया कि आरोपी की नेपाल के कई नंबरों पर बातचीत होती थी। जिसमें उसने नेपाल से कई कॉल रिसीव भी किए और वापस कॉल भी किए। पुलिस ने उन नंबरों पर कॉल किया लेकिन स्थानीय नेपाली भाषा नहीं आने से बात समझ नहीं आई। ऐसे में किसी नेपाली भाषा के जानकार से उन नंबर पर कॉल कर उन्हें सुरेन्द्र के बारे में पुलिस पूछेगी और उन्हें इंडिया बुलाएंगी या खुद पुलिस का दल नेपाल उनके परिजनों की तलाश में जाएगा। उन्हें सुरेन्द्र की मौत की खबर के साथ उसे कौनसी बीमारी थी इसकी जानकारी खंगालेगी। इधर जोधपुर में एमजीएच की मोर्चरी में मेडिकल बोर्ड से मृतक सुरेन्द्र की बॉडी का पोस्टमार्टम कराया गया। मृतक के किसी परिजन या निकट वारिशन का पता नहीं लगा और चार दिन तक शव पड़ा रहा। इसके कारण पुलिस ने मृतक के शव का अंतिम संस्कार जोधपुर में करवाया।
यह है मामला
बता दे कि आरोपी सुरेन्द्र ठाकुर ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में वेस्टर्न हाईवे पर स्थित न्यू स्वामी ट्रैवल एजेंसी से 23 मई को 2500 रुपए देकर मुंबई से यूपी के बाराबंकी जिले में रुपैदिहा बॉर्डर तक के लिए बस का टिकट खरीदा था। बीच रास्ते उसने यात्रियों के साथ झगड़ा करना शुरू कर दिया था। यात्रियों की शिकायत पर उसे बीच रास्ते 24 मई को जवाजा (अजमेर) उतारा गया था। 25 मई को वह बस स्टैंड के आस-पास भटकते हुए नजर आया था। 26 मई की सुबह आरोपी भटकते हुए सराधना गांव की पहाडिय़ों तक पहुंच गया था और यहां बकरियां चराकर घर लौट रही वृद्धा शांतिदेवी काठात पर हमला कर उनका सिर पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी थी और बाद में उनका चेहरा नोंचकर खाने लगा था। यह घटना वहां बकरियां चरा रहे दूसरे कई लोगों ने देखी थी। बाद में ग्रामीणों की मदद से उसका पीछाकर उसे पकड़कर पुलिस को सौंपा गया था। उसे इलाज के लिए पाली के बांगड़ हॉस्पिटल पुलिस लेकर आई जहां से उसे संदिग्ध रेबिज का मरीज मानते हुए 27 मई को जोधपुर रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान 30 मई की सुबह उसकी मौत हो गई थी।