नाबालिगों को आईफोन देकर लगाता था नशे की लत, फिर कराता था अपने ही घरों में चोरी,पुलिस ने दबोचा आरापी

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चालीस से अधिक नाबालिगों को ले चुका था गिरफ्त में
उदयपुर, 05 अक्टूबर(ब्यूरो): शहर के नाबालिग बच्चों को आईफोन उपहार में देकर उन्हें नशे की लत लगाने के बाद उन्हें अपने ही घर में चोरी के लिए मजबूर करने वाले शातिर आरोपी को गोवर्धनविलास थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ नाबालिगों का अपहरण करने तथा उनके साथ अप्राकृति संबंध बनाने का भी आरोप है।
पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया कि गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर 14 निवासी 25 वर्षीय गजेंद्र राठौड़ उर्फ गज्जू उर्फ गोलू पिता शांतिलाल दर्जी को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ उदयपुर शहर के चालीस से अधिक नाबालिगों को पहले नशे की लत में डालने के बाद अपने ही घरों से नकदी तथा जेवरात आदि महंगे सामान चोरी करवाने का आरोप है।
इस तरह हुआ आरोपी की साजिश का पर्दाफाश
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 6 सितम्बर को 17 वर्षीय नाबालिग के पिता ने गोवर्धनविलास थाने में अपने बेटे के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। जिसमें बताया कि उनका बेटा शहर की एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ने जाता था। तीन महीने पहले किसी गजेंद्र राठौड़ उर्फ गज्जू ने उसे आईफोन उपहार में दिया और उससे गलत कार्य करवाने लगा। इसके चलते उनका नाबालिग बेटा अकसर घर से गायब रहता। प्रार्थी का नाबालिग पुत्र रात-रात भर अपने घर पर नही आता है। बेटे से जब इसका कारण पूछा तो पता चला कि उसे गजेंद्र उर्फ गज्जू ब्लैकमेल कर रहा है। उसे पहले नशे की आदत डाली और घर से चोरी करने के लिए मजबूर करता। उसने बताया कि उसी की तरह चालीस से अधिक किशोर उसकी गिरफ्त में हैं और वह उनके साथ अप्राकृतिक संबंध भी बनाता है। मजबूरी में किशोर अपने माता—पिता को नहीं बताते और ब्लैकमेल हो रहे हैं। इस पर पुलिस ने गजेंद्र उर्फ गज्जू के खिलाफ आईपीसी की धारा 322/23, धारा 363, 342, 384, 323 व 34 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी और आरोपी पर लगाए आरोप सही पाए गए।

जीता था लग्जरी लाइफ
पुलिस ने जब आरोपी गजेन्द्र राठौड उर्फ गज्जू उर्फ गोलू को गिरफतार कर उससे पूछताछ की गई तो उसी ने खुलासा कि वह लग्जरी लाइफ से रहता था। नाबालिगों को अपने जाल में फांसने के लिए शिक्षण संस्थाओं और कोचिंग संस्थाओं के पास खड़ा रहता। वह किशोरों को आईफोन उपहार में देकर ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाने लालच देता। बहला-फुसला कर उनको घूमने फिराने व नाइट आउट के लिए ले जाता तथा नशे की लत डालता। इसका खर्चा वह खुद उठाता था। किशोरों के नशे की हालत में उनकी फोटोग्राफ लेकर उन्हें ब्लैकमेल करता था अपने ही घरों से पैसे तथा जेवरात चोरी के लिए मजबूर करता था। उसके चंगुल में फंसे किशोरों को वह नए बच्चे तैयार करने का टारगेट भी देता था और इसके लिए वह कोड वर्ड में मैसेज भेजा करता था। बताया गया कि आरेापी गजेंद्र के खिलाफ विभिन्न थानों में पोक्सो एक्ट, अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा भूपालपुरा थाने में उसके खिलाफ पहले से ही आर्म्स एक्ट के तहत पहले से एक मामला दर्ज होने की भी बात सामने आई है।

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