जयपुर, 31 मई। राजस्थान हाईकोर्ट ने करीब 12 करोड रुपए आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में बायोफ्यूल अथॉरिटी के निलंबित सीईओ सुरेन्द्र सिंह राठौड व उसकी पत्नी शशि राठौड के खिलाफ एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। जस्टिस बिरेन्द्र कुमार ने यह आदेश सुरेन्द्र सिंह राठौड व शशि राठौड की आपराधिक याचिका को मंजूर करते हुए दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एसीबी को मामले में एफआईआर दर्ज करने से पहले प्राथमिक जांच करनी चाहिए थी। ऐसा नहीं करना न्याय की हत्या व कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। वहीं किसी भी आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले प्राथमिक जांच नहीं करना आरोपी के अधिकारों को खतरे में डालना है। ऐसे में एसीबी के अफसरों ने मामले की सत्यता की जांच किए बिना ही लापरवाही तरीके से एफआईआर दर्ज कर प्रार्थियों पर अपराध करने का आरोप लगाया है। अदालत ने कहा कि यह एक ऐसा असाधारण मामला है, जिसमें दखल नहीं देना न्याय का गर्भपात करने के समान होगा। ऐसे में मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करना ही उचित होगा।
याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा की एसीबी की ओर से उनके खिलाफ 11,99,59,278 रुपए की आय से ज्यादा संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया था। जबकि एफआईआर से पहले कोई प्रारंभिक जांच नहीं की गई। वहीं इस संपत्ति में ऐसी संपत्ति की पूरी कीमत भी जोड ली, जो लोन पर थी। इसके अलावा संपत्ति की सही ढंग से गणना भी नहीं की गई। ऐसे में एफआईआर को रद्द किया जाए। वहीं एसीबी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा की एसीबी में प्रारंभिक पडताल के बाद ही एफआईआर दर्ज की थी। वहीं यदि किसी मामले में प्रारंभिक जांच नहीं भी होती है तो इस आधार पर आरोपी का अपराध कम नहीं हो जाता है। इसलिए याचिका को रद्द किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने एसीबी की एफआईआर को रद्द कर दिया है।
गौरतलब है कि एसीबी की टीम ने 7 अप्रैल 2022 को सुरेन्द्र सिंह राठौड व संविदाकर्मी दलाल देवेश शर्मा को परिवादी का लाइसेंस रिन्यू करने की एवज में पांच लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। राठौड पर आरोप था कि उसने परिवादी से लाइसेंस रिन्यू करने व बिना रुकावट व्यापार करने की एवज में बीस लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। एसीबी ने सर्च के दौरान प्रार्थी के घर से 3.66 करोड रुपए की नकदी भी बरामद की गई थी। इसके बाद में 19 मई 2022 को उसके खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति की एफआईआर दर्ज की गई।
2023-06-01