एसीबी कोर्ट ने यूआईटी के तत्कालीन डिप्टी सेक्रिटी सहित पांच को सजा

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अलवर। अलवर की एसीबी कोर्ट ने आज नगर विकास न्यास में राजस्व को नुकसान पहुंचाने के मामले में नगर विकास न्यास अलवर के तत्कालीन उप सचिव सहित 5 जनों को आज 3 साल की सजा और 35- 35 हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है। एसीबी कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक अशोक भारद्वाज ने बताया कि नगर विकास न्यास की अल्प आय आवास योजना के तहत शिवाजी पार्क योजना में 1986 में शिवाजी पार्क निवासी निर्मला गुप्ता पत्नी राजेंद्र गुप्ता एवं राजेंद्र गुप्ता के नाम अलॉटमेंट हुआ था। यह 7 आवास आलोट हुए थे। इसके लिए वर्ष 2003 में नगर विकास न्यास में लीज डीड के लिए आवेदन किया गया था ।प्लीज लीज डीड के लिए रिपोर्टिंग की गई। जिसमें हल्का पटवारी से लेकर सभी अधिकारी जिसमें ₹34880 लीज जमा होनी थी। रिपोर्ट के दौरान लाभार्थियों ने अतिक्रमण किया हुआ था। सभी आवासीय मकानों का उपयोग शिक्षा संस्था के रूप में किया गया। नाम परिवर्तन के लिए भी उन्होंने आवेदन किया था ।उन्होंने ₹34880 की जगह ₹20880 जमा कराएं। नगर विकास न्यास को द्वारा सीधा ₹14000 का नुकसान हुआ। जिसमें नगर विकास न्यास के तत्कालीन उप सचिव देवेंद्र सिंह ढिल्लों ,कार्यालय अधीक्षक रामेश्वर दयाल एवं कनिष्ठ लिपिक कमला सेन शामिल थी। इसके अलावा लाभार्थी निर्मला गुप्ता और राजेंद्र गुप्ता शामिल थे। इस मामले की शिकायत 2008 में की गई की राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। शिकायत का सत्यापन कराया गया शिकायत सही पाई गई और इसकी जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर पर की गई जिसमें सभी को दोषी पाया गया। मामला अदालत तक पहुंच गया। नगर विकास के तत्कालीन अधिकारियों ने यूआईटी को ₹14000 का राजस्व नुकसान पहुंचाया ।इस षड्यंत्र में दोष साबित होने पर सभी आरोपियों को तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास तथा 35 – 35 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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