-मकान नहीं तुड़वाने की एवज में मांगी घूस, घर ऑफिस पर एसीबी का सर्च
जयपुर, 16 सितंबर (ब्यूरो): भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शनिवार को ग्रेटर नगर निगम के भाजपा पार्षद रामकिशोर सोयल को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पार्षद ने रिश्वत की राशि परिवादी के निर्माणाधीन भवन पर कार्रवाई नहीं करवाने की एवज में मांगी थी। एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई के बाद पार्षद के घर और ऑफिस पर तलाशी की। एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि एसीबी की चतुर्थ इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई थी कि उसके प्लाट के निर्माण कार्य में व्यवधान नहीं करने तथा जेडीए व नगर निगम द्वारा नहीं तोडऩे की एवज में वार्ड 123 के पार्षद रामकिशोर द्वारा रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा था। सूचना की तस्दीक करने के बाद डीआईजी डॉ. रवि के सुपरवीजन में कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि जेडीए कॉलोनी, सामुदायिक केंद्र के पास पालड़ी मीणा निवासी पार्षद को उसके घर में रिश्वत की राशि लेते पकड़ा है। पार्षद को गिरफ्तार कर लिया गया है। रिश्वत प्रकरण में उससे पूछताछ की जा रही है।
मेरे इलाके में काम करना है तो भेंट चढ़ानी होगी : पार्षद
एसीबी के अनुसार परिवादी का दो माह से मकान का निर्माण चल रहा है। निर्माण छत हाइट पर आया तब पार्षद रामकिशोर ने दो लोगों को अपने मोबाइल नंबर की पर्ची देकर परिवादी के पास भेजा। उन दोनों ने परिवादी को काम रोकने और पार्षद से बात करने को कहा। परिवादी ने पार्षद रामकिशोर से मोबाइल पर बात की तो पार्षद ने कहा कि मेरे इलाके में काम करना है तो भेंट चढ़ानी होगी। मैं ओरों से 50 हजार रुपए लेता हूं, आप मेरे हो इसलिए 30 हजार रुपए दे देना। भेंट नहीं पहुंचाने पर काम रोक देना नहीं तो जेडीए व नगर निगम के सतर्कता दस्ते को बुलाकर मकान तुड़वा दूंगा। धमकी मिलने के बाद परिवादी ने एसीबी में शिकायत दी।
पार्षदों की काली कमाई
शहर के हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम के पार्षदों द्वारा भवन निर्माणकर्ताओं को परेशान करने की कई शिकायतें निगम व जेडीए में आती है। लेकिन दोनों विभाग कार्रवाई नहीं करते। इसलिए पार्षदों का हौसला बढ़ता जा रहा है। बता दें कि दोनों महापौर के पति भी भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी द्वारा पकड़े जा चुके है। ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि से 20 करोड़ रुपए की रिश्वत के मामले में एसीबी के हत्थे चढ़े थे। वहीं, हैरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर पट्टे के बदले दो लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए थे। महापौर पतियों के भ्रष्टाचार के मामले में ट्रैप होने के बाद पार्षदों के भी हौसले बढ़ गए। इसलिए वे बेखौफ है।
सेवा छोड़ शोषण में लगे
ग्रेटर नगर निगम पार्षद महेश अग्रवाल ने कहा कि हम लोगों की सेवा करने का काम करते है। अगर कोई सेवा छोड़ जनता का शोषण करे तो उसे भुगतना भी पड़ेगा। हमारे लिए तो नर सेवा ही नारायण सेवा है।