मुख्यमंत्री को वरिष्‍ठ पत्रकार सत्य पारीक का खुला पत्र

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साहब क्या आपको याद है कि जब आप मुख्यमंत्री नहीं थे तब प्रेसक्लब के आगे प्लाटो की मांग को लेकर चल रहे धरने पर सहानुभूति प्रगट करने आए थे । और धरनार्थियों के बीच बैठकर आपने वायदा किया था कि ” मैं मुख्यमंत्री बना तो पत्रकारों के निवास की समस्या हल कर दूंगा ” ये सुनकर धरनार्थी पत्रकारों ने तालियां बजाई थी , शायद आपको याद होगा ? मैं ये तो नहीं कहता कि आप भूल गये लेकिन बुजुर्ग होने के कारण याददास्त कमजोर हो गई । ऐसा आपने ही सार्वजनिक सभा में चन्द दिनों पहले कहा है या हो सकता है विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर जनता से मुख्यमंत्री ना रहते हुए वायदे पूरे नहीं करने के कारण आपने ऐसा कहकर भूल सुधारी हो ।
आपकी भूली याददास्त को याद दिलाने के लिए ये खुला पत्र नायला पिंकसिटी प्रेस इन्कलेव के 571 उन आवंटियों की तरफ से आपको भेजा जा रहा है । आपके सामने बीते मंगलवार को दुर्गापुरा के सम्मेलन में भी कुछ पत्रकारों ने अपनी मांग उठानी चाही लेकिन आपके सुरक्षा कवच ने उसे सफल नहीं होने दिया । अगर आप बतौर मुख्यमंत्री नहीं बल्कि अशोक गहलोत होकर पत्रकारों की समस्या सुन लेते तो आपका सम्मान बढ़ता मग़र आप ऐसा नहीं कर सके ।
आपके दरबार में नायला पत्रकार कालोनी के आवंटी पत्रकारों ने बार बार विनय की व ज्ञापन सौंपा लेकिन उनके लिये आप पांच मिनट का समय नहीं निकाल पाये । इन पत्रकारों की तरफ से मैं केवल चार पत्रकारों को ( पत्रकार नेता नहीं ) को लेकर मिलना चाहता हूं अगर समय दे सकें तो बड़ी मेहरबानी होगी । ये किसी का व्यक्तिगत कार्य नहीं है । मुलाकात में आपके सामने मय प्रमाण वस्तु स्थिति बताई जाएगी , अगर आवंटी पत्रकार गलत हो तो आप जो निर्णय करेंगे उसे वे स्वीकार कर लेंगे ।
धन्यवाद
सत्य पारीक

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