सरिस्का के वन्य जीवों को अब नहीं भटकना पड़ेगा पानी के लिये -वन्य जीवों का आपसी संघर्ष भी नहीं होगा

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अलवर: अलवर के सरिस्का में अब गर्मी में वन्य जीव पानी के लिए इधर उधर भटकेंगे नहीं। इसके लिए जिले के विश्वविख्यात सरिस्का बाघ अभ्यारण में खासतौर से वन्य जीवों के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए एनजीओ आईसीआईसीआई फॉउंडेशन द्वारा नई तकनीक से बने सोलर द्वारा पानी की व्यवस्था जंगल में की गई है। जिससे अब सरिस्का के अधिकतर वाटर होलो में पूरे साल पानी रहता है। इस सोलर पैनल का सबसे बड़ा फायदा ये है कि पानी की तलाश में वन्यजीव सरिस्का से बाहर नहीं जाते हैं जिससे उनकी जान को कोई खतरा नहीं रहता है।

अलवर के सरिस्का बाघ परियोजना स्थित जलाशयों में गर्मियों के समय पानी का अभाव रहता है जिसको देखते हुए और आने वाले समय में वन्यजीवों को पानी की आवश्यकता के अनुसार सरिस्का जंगल में जगह जगह सोलर लाइट के द्वारा सरिस्का में स्थित जलाशयो में पानी भरा जा रहा है। सरिस्का में विगत लगभग तीन साल में अब तक 17 सोलर पंप लगाए जा चुके हैं जिससे वन्यजीवों को जंगल में आसानी से पानी मिल सके और पानी के लिए इधर-उधर भटकना ना पड़े। वन्य जीवों की टेरिटरी में ही पानी उपलब्ध हो जाता है। वन्य जीवों को पानी के लिए अपनी टेरीटरी नहीं छोडऩी पड़ती है। इससे वन्य जीवों को एक फायदा भी हुआ कि कई बार दूसरी टेरीटरी में वन्यजीव के जाते ही उनमें संघर्ष हो जाता है जिसमें वन्य जीव की जान भी जा सकती है। ऐसे में अब लगभग वो संघर्ष भी रुक सा गया।

आईसीआईसीआई फॉउंडेशन द्वारा सरिस्का में सोलर लाइट लगाई गई हैं,यह सोलर लाइट रिमोट द्वारा भी संचालित हैं और इसकी रेंज भी कई किलोमीटर दूरी तक की रहती है,विशेष सिम लगाई गई है।
सरिस्क के सीसीएफ रूपनारायण मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम में सरिस्का में वाटर होल सूख जाते हैं जिसमें वन्यजीवों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में पानी की व्यवस्था के लिए आईसीआईसीआई फॉउंडेशन पिछले कई साल से वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है और इस फॉउंडेशन के सहयोग से सोलर सिस्टम लगाया गया है,जो वाटर मैनेजमेंट के लिए काफी सहयोगी साबित हो रहे हैं जिसका लाभ सरिस्का के वन्यजीवों को मिल रहा है। पानी के अभाव में सरिस्का के जो वन्यजीव रास्ता भटक कर बाहर चले जाते थे वह अब बाहर नहीं जा पाते हैं और सरिस्का के जंगल में ही रहते हैं,वो जानवर अब पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि पानी के अभाव में जब वह बाहर जाते थे तो कई बार शिकार होने का डर रहता था लेकिन पानी के लिए अब उन्हें सरिस्का से बाहर नहीं जा पा रहे हैं जिससे वन्यजीवों की जान भी सुरक्षित है।

इधर सरिस्का के उप वन संरक्षक डी.पी. जगावत ने बताया कि आईसीआईसी फॉउंडेशन के द्वारा विगत दो-तीन साल से जल स्रोतों में पानी भरने के लिए सोलर पंप लगाए गए हैं जिससे सरिस्का के जल स्रोतों में पानी की उपलब्धता पूरे साल रहती है। पानी के लिए जो वन्यजीवों का भटकाव होता था वह नहीं होता है। सरिस्का में वाटर मैनेजमेंट के लिए सोलर पंप इस तरह लगाए गए हैं कि जो सरिस्का के चारों तरफ और मध्य में वाटर और आसानी से भरे जा सकते हैं। करीब 5-6किलोमीटर के एरिया में एक बड़े वाटर होल पर एक सोलर पंप लगाया गया है जिससे पास का वाटरहोल तो भरता ही है इसके अलावा उसको आसपास के छोटे वाटर होल से भी जोड़ा गया है और छोटे वाटर होलो में भी पाइपों के जरिए पानी आसानी से पहुंच जाता है। उन्होंने बताया कि इस सोलर पंप में सबसे खास बात यह है कि सिम कार्ड लगी हुई है इसे कभी भी स्टार्ट किया जा सकता है और कभी भी बंद। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि मौके पर ही जाकर इसे बंद किया जाए,आप दूर बैठकर भी रिमोट के द्वारा इसको बंद कर सकते हैं जिससे वाटर होल भरने के बाद पानी की वेस्टेज नहीं हो,जिससे जलाशयों में वर्ष भर पानी रहता है और सरिस्का से अब वन्यजीवों को प्यास लगने पर पानी के लिए गांव की ओर और सरिस्का से बाहर पलायन नहीं करना पड़ता।

सरिस्का के सीसीएफ एडीएफ ओ व सदर रेंजर द्वारा जलाशयों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है और पानी की व्यवस्था की जानकारी लेते हैं जिससे वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए यह सोलर लाइट की पहल काफी अच्छी साबित हो रही है।अभी और सोलर पंप लगाए जाने की संभावना है जिससे छूटा एरिया भी कवर हो जाए क्योंकि सरिस्का लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। सरिस्का में 200 से ज्यादा वाटर होल हैं। सरिस्का में 25 टाइगर, 100 से अधिक पेंथर है। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक प्रजाति के वन्य जीव मौजूद हैं, अब भालू भी लाए गए हैं।

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