वैर। कस्बा वैर की रियासत कालीन प्रताप फुलवाड़ी में असामाजिक तत्व नुकसान नहीं पहुंचाएं। इसके लिए करीब 40 लाख रुपए की लागत से चारदीवारी का निर्माण कराया गया। जिससे फुलवाड़ी में असामाजिक तत्वों का कचरा डालना,मवेशी बांधने ,खुले में शौच करने वाले सहित अवारा जानवरों के विचरण पर रोकथाम लग सके।लेकिन फिर स्थानीय असामाजिक लोगों ने फुलवाड़ी का दुरुपयोग करने को लेकर चारदीवारी की दीवार को चटका दिया है। पूर्व में इस फुलवाड़ी के उत्तर दिशा में बने दरवाजे को दीवार बनाकर बंद करने पर स्थानीय महिलाओं ने भी विरोध जताया था।लेकिन प्रशासन ने फुलवाड़ी की सार संभाल को लेकर चारों ओर चार दिवारी बनाने का निर्णय लिया। जिला कलेक्टर व संभागीय आयुक्त के द्वारा निरीक्षण करने पर इसकी दुर्दशा को देखते हुए साफ सफाई के निर्देश दिए । जिस पर अधिकारियों के आदेश की पालना करते हुए नगर पालिका द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत करीब 6 महीने तक कार्य करवा कर इसकी साफ सफाई करवाई । लेकिन फिर से इसकी चार दिवारी को तोड़कर रास्ता बनाकर स्थानीय लोगों ने इसका दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है की कस्बा वैर की प्रताप फुलवाड़ी का करीब 250 वर्ष पूर्व राजा प्रताप सिंह ने फुलवाड़ी व सफेद महल वाटिका का निर्माण करवाया था जो की वर्तमान में ऐतिहासिक धरोहर है जो पुरातत्व विभाग के अधीन है। फुलवाड़ी में बने सफेद महल, लाल महल वमोहन जी मंदिर महल आकर्षण का केंद्र है। उनके आगे क्यारियां बनी है। जिनमें खुशुबदार पौधे लगाए जा सकते है।