प्रस्तुतियों को धागे में पिरोकर सुन्दर माला बनाती है उद्घोषणा: सिंघल बाल नाट्य शिविर में सिखाए एंकरिंग के टिप्स

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जोधपुर। किसी भी कार्यक्रम की सभी प्रस्तुतियां अगर फूलों की तरह अपनी सुगन्ध फैलाते हैं, तो उनको एक धागे में पिरोकर एक सुन्दर माला का रूप देने का कार्य उस कार्यक्रम की उद्घोषणा का होता है। अपने इन्ही विचारों को साझा करते हुए शहर के प्रसिद्ध एंकर प्रमोद सिंघल ने शनिवार को बलदेव नगर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे बाल नाट्य शिविर में बच्चों को उद्घोषणा की बारीकियां बताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्रमुख भामाशाह मीनल बैंजामिन ने की।
ग्रीष्मकालीन अवकाश में चल रहे बाल नाट्य प्रशिक्षण शिविर संयोजक एवं प्रधानाचार्य मज़ाहिर सुलतान ज़ई ने बच्चों का उत्साह देखकर कहा कि शिविर का लगभग आधा समय निकल चुका है और बच्चों के स्वभाव एवं अभिव्यक्ति में में आ रहा बदलाव बहुत ही सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि बाल नाट्य शिविर में भरत भाट के कठपुतली, गोपाल जादूगर के जादू के बाद आज प्रमोद सिंघल के उद्घोषणा टिप्स से बच्चों में उत्साह के साथ एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा है जिसका असर निश्चित रूप से समापन पर होने वाली प्रस्तुति में देखने का मिलेगा। शिविर निदेशक प्रमोद वैष्णव ने बताया कि वे बरसों से बाल रंगमंच पर सक्रिय हैं पर जितना आनन्द और सकून इस नाट्य शिविर में मिल रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं मिला। इस बार उन्होने रंगमंच की बारीकियों के साथ अन्य सहयोगी कलाओं को भी सम्मिलित किया है जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। शिविरार्थियों ने अब तक तैयार किए गए एक्ट का प्रदर्शन करते हुए उद्घोषणा में भी सहभागिता निभाई। इस अवसर पर शिविर सहयोगी एवं अभिनेता नकुल दवे, मुम्बई से प्रशिक्षण प्राप्त कलाकार निहार ख़ान, अध्यापिका किरण कौर, रवि भाटी तथा ख़लील ख़ान भी उपस्थित थे।

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