जैन मुनि की पीतल की मूर्ति को दिखाकर करते थे ठगी।
कामां – कामां थाना पुलिस पीतल की जैन मुनि की मूर्ति को सोने की बताकर ठगी करने वाले 23 वर्ष से फरार तीन हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
कामां थानाधिकारी रामकिशन यादव ने बताया कि कामां क्षेत्र में पीतल की ईद को सोने की बनाकर ठगी का कारोबार चलता था। 23 वर्ष पहले उदयवीर तोमर पुत्र शोभाराम निवासी हसनपुर बारु थाना हाथरस उत्तर प्रदेश ने मामला दर्ज कराया कि आगरा में ठेकेदारी का कार्य करता है और कामां आना जाना लगा रहता है। आजब पुत्र सगरु निवासी लेवड़ा, रज्जाक पुत्र मेहताब निवासी नई ने सोने की मूर्ति खरीदने की बात कहीं गई। 8 फरवरी को कामां पहुंचकर अजब रजाक सहित अन्य चार लोग मिले थे। जिन्होंने मूर्ति खरीदने के बाबत दस हजार की राशि ले ली थी। 17 फरवरी 2000 को सोने की मूर्ति देने का वादा किया गया था। उदयवीर अपने दोस्त रवि के साथ 17 फरवरी को कामां आ गया। आरोपी ठग बदमाशों ने कस्बा के विमल कुंड पर मूर्ति देने के लिए बुला लिया। विमल कुंड पर आरोपी ठगों ने ध्यान मग्न जैन मुनि की वजनदार मूर्ति दिखाई मूर्ति का वजन किया गया तो 7 किलो 500 ग्राम की मूर्ति थी जिसे सोने की बताया गया। अशोक सुनार ने मूर्ति को देखने के बाद बताया कि यह तो पीतल की है आरोपी ठग मूर्ति को लेकर फरार हो गए। आरोपियों के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि ठग बदमाश पीतल की मूर्ति को सोने की बताकर लोगों के साथ ठगी करते हैं जिसका पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी मामले में पुलिस तीन आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी थी। कामां थाने के एएसआई प्रेमचंद शर्मा ने ऑपरेशन सुदर्शन चक्र अभियान के अंतर्गत मुख्य आरोपी रज्जाक पुत्र मेहताब निवासी नई जो 23 वर्ष से कामां पुलिस से फरार चल रहा था जिस पर भरतपुर एसपी के द्वारा तीन हजार का इनाम भी घोषित किया गया था आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड लिया गया है।
फोटो परिचय पुलिस गिरफ्त में ठगी का आरोपी इनामी बदमाश।